लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के सभी फार्मासिस्टों ने प्रदेश भर में सभी चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में मंगलवार को काला फीता बांधकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने शासनादेश की प्रतियां जलाईं. फार्मासिस्ट सभी कर्मचारियों को 25 प्रतिशत प्रोत्साहन भत्ता दिए जाने और कोविड-19 से मरने पर सभी के परिजनों को 50 लाख की अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
फार्मासिस्टों ने जलाईं आदेश कीप्रतियां
राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में फार्मासिस्टों ने आदेश की प्रतियां जलाईं. सिविल अस्पताल, केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, सरोजनी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ राजधानी के सभी अस्पतालों में शासनादेश की प्रतियां जलाने के बाद मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन संस्थान प्रभारियों को सौंपे गए. फार्मासिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि प्रदेश भर में सभी स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में शासनादेश की प्रतियां जलाकर विरोध जताया गया.
शासनादेश को संशोधित करे सरकार
स्वास्थ्य महानिदेशक को दिए गए ज्ञापन में फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने कहा है कि कोविड-19 अथवा नॉन कोविड अस्पतालों में काम कर रहे सभी कर्मचारी मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 25 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता पाने के हकदार हैं. इसके लिए शासनादेश में तुरंत संशोधन किया जाना चाहिए. एक्स-रे टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव आरके शुक्ला ने भी स्वास्थ्य महानिदेशक को ज्ञापन देकर शासनादेश में संशोधन किए जाने की मांग की. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सभी जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और विशिष्ट संस्थानों में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. सभी जनपदों से प्राप्त सूचना के अनुसार हर जनपद के प्रशासन द्वारा सुरक्षा बल का प्रयोग कर आंदोलन रोकने का प्रयास किया गया, लखनऊ के भी सभी अस्पतालों में पीएसी लगा दी गई. इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने प्रशासन द्वारा आंदोलन को कुचलने की कोशिश की निंदा करते हुए इसे अलोकतांत्रिक बताया.
विफल रही वार्ता, सरकार ने मांगा सुझाव
आज सुबह 10 बजे से अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक के हस्तक्षेप के बाद अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के साथ परिषद के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की वार्ता संपन्न हुई. इसमें अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा, प्रवक्ता अशोक कुमार, केजीएमयूके अध्यक्ष प्रदीप गंगवार शामिल थे. वार्ता में परिषद ने मांग की कि चिकित्सा स्वास्थ्य, शिक्षा एवं परिवार कल्याण, एनएचएम के सभी कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि एवं सभी कर्मचारियों की मृत्यु उपरांत उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाए, लेकिन शासन के अधिकारियों ने इसे असंभव बताते हुए सुझाव मांगा.
बैठक में यह भी रखी गई मांग
बैठक में कर्मचारी प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि अभी यह संभव न हो तो तत्काल कर्मचारियों का रुका हुआ महंगाई भत्ता, नगर प्रतिकर भत्ता, परिवार नियोजन भत्ता सहित अन्य भत्ते तत्काल बहाल किए जाएं. परिषद के अध्यक्ष सुरेश और महामंत्री अतुल मिश्रा ने दावा किया कि सभी 75 जिलों में आंदोलन सफल रहा.