लखनऊ :लखनऊ में होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों की ओर से 4 साल से लंबित फार्मासिस्ट भर्ती में नियुक्ति न होने पर नाराजगी जताई. गुरुवार काे आलमबाग स्थित इको गार्डन में आमरण अनशन शुरू कर दिया. मांगें न माने जाने तक आंदाेलन जारी रखने के साथ आत्मदाह की भी चेतावनी दी है.
होम्योपैथिक विभाग के फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में चयन की मांग फरवरी 2019 से चल रही है. विज्ञापन जारी होने के लगभग 2 वर्ष 6 माह पश्चात आयोग ने उक्त भर्ती का अंतिम चयन परिणाम 22 नवंबर 2021 को जारी किया था. आयोग द्वारा जारी किए गए अंतिम परिणाम में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में चयन को लेकर असफल अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में वाद दायर किया था. उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ ने आयोग द्वारा जारी किए गए अंतिम चयन परिणाम को सही मानते हुए ईडब्ल्यूएस कैटेगरी से संबंधित सभी बातों को खारिज करके नियुक्ति प्रक्रिया काे आगे बढ़ाने के निर्देश दिए थे.
अभ्यर्थी दुष्यंत सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की मात्र 10% सीटों पर ही रोक लगाई थी. अतिरिक्त सीटों पर आयोग को नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र कर दिया था, लेकिन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अपने मनमानी के कारण नियुक्ति प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा रहा है. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की कार्यप्रणाली एवं ईडब्ल्यूएस केस निस्तारण के लिए आयोग एवं शासन द्वारा नियुक्त महाधिवक्ता एवं मुख्य अधिवक्ता के न्यायालय में उपस्थित न होने की वजह से भर्ती लंबित पड़ी है. आयोग लंबित वादों के निस्तारण एवं भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने में कोई रुचि नहीं दिखा रहा है.
अभ्यर्थियों की मांग है कि महाधिवक्ता एवं मुख्य अधिवक्ता केस की सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित होकर फार्मासिस्ट भर्ती को विवादों से मुक्त कराते हुए नियुक्त प्रक्रिया से हक में अपनी बात रखें. जिससे समस्त चयनित अभ्यर्थी अपने परिवार का उचित भरण पोषण कर सकें.
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