लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में फार्मस्युटिकल सेक्टर के विकास की संभावनाओं पर चर्चा की. विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने फार्मा सेक्टर में शोध-अनुसंधान को प्रोत्साहित करने पर बल देते हुए प्रदेश में एक नवीन संस्थान की स्थापना के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि फार्मा मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की संख्या में उत्तर प्रदेश देश का 06वां सबसे बड़ा राज्य है, अब हमारा लक्ष्य देश में अग्रणी राज्य बनने का है. इसी प्रकार देश में फार्मा मैन्युफैक्चरिंग में अभी हमारा योगदान 2% का है जिसे 10-12% तक पहुंचाने की आवश्यकता है. फार्मास्युटिकल सेक्टर में विकास बड़ी संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश को इन संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए. दवा निर्माण के साथ-साथ हमें शोध-अनुसंधान पर भी फ़ोकस करना होगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आईआईटीआर, सीडीआरआई, सीमैप और एनबीआरआई जैसे उच्चस्तरीय शोध संस्थान क्रियाशील हैं जबकि एसजीपीजीआई, केजीएमयू जैसे अकादमिक संस्थान भी हैं. नियोजित प्रयासों से बीते कुछ वर्षों में लखनऊ बायोफार्मा हब के रूप में उभर कर आया है. फार्मास्युटिकल सेक्टर के लिए एकेटीयू व अन्य प्राविधिक शिक्षण संस्थान मानव संसाधन उपलब्ध कराने में सक्षम हैं. प्रदेश में फार्मा पार्क निर्माण की कार्यवाही चल रही है तो मेडिकल डिवाइस पार्क का भी निर्माण किया जाना है. इन संसाधनों का बेहतर लाभ उठाना होगा.