लखनऊ :इस बार गर्मी में प्रदेशवासियों को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. लखनऊ समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक के लाखों लोगों को हर साल बिजली कटौती से जूझना पड़ता है. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लगातार नए ट्रांसमिशन उपकेंद्रों का निर्माण करा रहा है. ये सभी जनवरी 2024 तक तैयार हो जाएंगे. इससे पूरे सूबे के उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.
अलग-अलग हिस्सों में नए उपकेंद्रों का हो रहा निर्माण :हर साल गर्मी में उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ता है. बिजली के लिए त्राहि त्राहि मचती है. कई बार पसीने से तर-बतर उपभोक्ता आपा खो देते हैं. अधिकारियों और कर्मचारियों से मारपीट तक की नौबत आ जाती है. गर्मी में बिजली आपूर्ति कानून के लिए चुनौती साबित होती है. हर बार सरकार की तरफ से भरपूर बिजली के दावे किए जाते हैं लेकिन हकीकत इससे इतर होती है. हर बार उत्पादन की तुलना में बिजली मांग बढ़ती जाती है. इससे पावर कॉरपोरेशन की सांसें फूल जाती हैं. लगातार बढ़ रही बिजली मांग को ध्यान में रखते हुए अब नए यूपेंड्रॉन के निर्माण पर पूरा फोकस किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन को नए उपकेंद्रों के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रदेश भर के अलग-अलग हिस्सों में नए उपकेंद्रों का निर्माण भी कराया जा रहा है. इन उपकेंद्रों से बिजली सप्लाई जल्द ही शुरू हो जाएगी. इससे इस बार की गर्मी में लोगों को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.
15 से 16 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ :इस बार प्रदेश भर में 3000 मेगावाट उत्पादन का लक्ष्य जनवरी तक ही निर्धारित किया गया है. इसमें से लखनऊ जोन में 28 उपकेंद्र इसी माह के अंत तक बनकर तैयार हो जाएंगे. इनमें 400 केवीए, 220 केवीए और 132 केवीए के उपकेंद्र शामिल हैं. पावर ट्रांसमिशन व उत्पादन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद ने बताया कि इन उपकेंद्रों के निर्माण से अगले साल जनवरी माह तक प्रदेश में लाखों की आबादी को सहूलियत मिलेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि 15 से 16 लाख उपभोक्ता ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के काम के चलते लाभान्वित होंगे.