लखनऊःराजधानी में एटीएम को लेकर लगातार दिक्कतें बनी हुई हैं. कभी एटीएम में सर्वर की दिक्कत, कभी एटीएम खराब, तो कभी करेंसी का रोना. जबकि आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार उपभोक्ता मेट्रो सिटी में एटीएम से तीन बार ट्रांजेक्शन कर सकता है. जबकि नान मेट्रो सिटी में पांच बार ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. इसके बाद ट्रांजेक्शन करने पर उपभोक्ताओं के अकाउंट से पैसे कटते हैं. राजधानी में ईटीवी भारत ने जब अलग-अलग जगहों के एटीएम की पड़ताल की तो सच्चाई सामने आ गई.
एटीएम खराब होने से उपभोक्ता परेशान ATM की खराबी ने उपभोक्ताओं की बढाईं मुश्किलें राजधानी लखनऊ में अलग-अलग बैंकों के करीब 986 एटीएम लगाए गये हैं. लेकिन ज्यातादर बैंक बैंक के एटीएम खराब ही रहते हैं. इन एटीएम में कभी सर्वर की दिक्कत, तो कभी कैश नहीं होने के चलते ज्यादातर समय यह एटीएम यूज में नहीं रहते. जिससे बैंक के उपभोक्ता परेशान रहते हैं.
राजधानी में करीब 986 एटीएम
राजधानी के राजाजीपुरम, चारबाग, आलमबाग, महानगर, राजेंद्र नगर, त्रिवेणी नगर, हजरतगंज, अलीगंज, इंदिरानगर, निराला नगर, मड़ियांव, बुद्धेश्वर, गोमती नगर, ठाकुरगंज, चिनहट, डालीगंज, पुरनिया, विकास नगर, जानकीपुरम समेत कई इलाकों में अलग-अलग बैंकों के एटीएम लगे हुए हैं. बैंक अधिकारियों की माने तो शहर में करीब 986 एटीएम लगाए गए हैं. इन एटीएम से शहर में लगभग सवा लाख लोग प्रतिदिन ट्रांजेक्शन करते हैं. वहीं रोजाना एटीएम से करीब 90 से 95 लाख का लेनदेन होता है. ऐसे में शहर के अधिकतर एटीएम में पैसों की दिक्कत और एटीएम में खराबी की समस्या सामने आती रहती है.
'लोगों को नहीं मिल रही ATM की सुविधा'
उपभोक्ता आकाश मिश्रा बताते हैं कि नोटबंदी के बाद से अभी तक एटीएम में सुधार नहीं किया जा सका है. मेट्रो सिट और नॉन मेट्रो सिटीज में एटीएम से ट्रांजेक्शन के बाद पैसे भी कटते हैं. इसके बावजूद एटीएम की सुविधा लोगों को नहीं मिल पा रही है.
'शहर के अधिकतर एटीएम खराब'
छात्र अशोक रंजन बताते हैं कि अधिकतर एटीएम में पैसा ही नहीं रहता है. वहीं सर्वर डाउन होने की वजह से अमाउंट कट जाता है. 24 घंटे के अंदर पैसा वापस करने को कहा जाता है. लेकिन 24 घंटे के लिए टेंशन बनी रहती है. एटीएम में बड़ी करेंसी मिलने से भी दिक्कत आती है. दो हजार और 500 की नोट मिलने के बाद उसका छुट्टा मुश्किल से होता है.
'एजेंसियों से तालमेल न बैठाने की वजह से आ रही दिक्कतें'
सीनियर बैंक मैनेजर आर एन शुक्ला बताते हैं कि जहां तक एटीएम में पैसे रखने की बात है तो यह ठेका आउटसाइड एजेंसी को दी गई है. उसके लिए बैंक या बैंक अधिकारी जिम्मेदार नहीं हैं. एजेंसियां किस तरीके से एटीएम में पैसा रखती हैं, यह उनकी जिम्मेदारी है. लोग एटीएम का इस्तेमाल बहुत करते हैं. त्योहार के दिनों और अवकाश के दिनों में एटीएम पर लोड बहुत ज्यादा रहता है. ज्यादा से ज्यादा पैसा निकालने के चक्कर में एटीएम खाली भी हो जाते हैं. एजेंसियों से तालमेल न बैठाने की वजह से यह दिक्कतें आ रही हैं.