लखनऊ:यूपी पुलिस के मुखिया भले ही आम जनमानस के बीच पुलिस को मित्र पुलिसिंग करने की सलाह क्यों न दें, लेकिन उनके मातहत हैं कि उनके सभी आदेशों पर विपरीत कार्य करते नजर आते हैं. ऐसा ही कुछ नजारा महानगर थाना क्षेत्र स्थित पेपर मिल चौकी पर देखने को मिला है. आरोप है कि पेपर मिल चौकी पर तैनात दारोगा सुधाकर पांडे बुधवार की रात एक युवक को चौकी पर ले गए और सिपाही के साथ मिलकर उसकी जमकर पिटाई की. जब उस युवक के परिजन पहुंचे, तो परिजनों को भी पुलिस ने अपशब्द कहते हुए भगा दिया. दारोगा की इस हरकत से आस-पास के स्थानीय निवासियों ने भी विरोध किया. इसके बाद उत्तरी जोन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला. पुलिस द्वारा जबरन हटाए जाने के विरोध में स्थानीय लोगों ने चौकी पर पथराव शुरू कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, दुखन देवी नामक महिला ने उत्तरी जोन के अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए कहा है कि उनका बेटा अरुण मेट्रो सिटी में 5 फ्लोर पर सक्सेना के यहां बतौर ड्राइवर के तौर पर काम करता था. 2 माह पूर्व सक्सेना की पत्नी शोभा को कोरोना हुआ था, जिसके कारण उनकी मौत भी हो गई. कोरोना से हुई मौत के बाद उनके बेटे ने सक्सेना के यहां नौकरी छोड़ दी. पीड़ित महिला का आरोप है 12 जुलाई को नितिन नाम का सिपाही उसके घर आया और उनके बेटे के बारे में पूछताछ करने लगा. इस पर उन्होंने बताया कि बेटा नौकरी पर गया है, तो सिपाही ने कहा कि अरुण आए तो उसको चौकी पर भेज देना, लेकिन बेटा बाहर जाने की वजह से उस दिन चौकी पर नहीं जा सका था. बुधवार की रात चौकी पर तैनात दारोगा ने फोन कर उनके बेटे को चौकी पर बातचीत करने के लिए बुलाया था. आरोप है कि जैसे ही उनका बेटा चौकी पर गया, तो चौकी पर तैनात सिपाही नितिन और दारोगा सुधाकर पांडे ने बेरहमी से उसकी पिटाई कर दी.