लखनऊः राजधानी लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने के क्रम में अमृत योजना के तहत विकास कार्य किए जा रहे हैं. इस योजना के तहत राजधानी लखनऊ में सीवरेज व पेयजल के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है और इस काम में लापरवाही के कारण राजधानी लखनऊ की जनता को आए दिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जगह-जगह खुदी सड़कें लखनऊ की जनता को परेशान कर रही हैं. इससे नाराज होकर राजधानी के लोगों ने अपने घरों के बाहर 'हमारी भूल, कमल का फूल' के पोस्टर भी चिपका दिए, हालांकि इस बात की जानकारी मिलते ही पुलिस ने घरों से चिपकाए गए पोस्टर हटवा दिए लेकिन सवाल ये है कि लोगों की समस्याओं का समाधान कब होगा.
लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सीवरेज व पेयजल के पाइप लाइन के लिए जगह-जगह सड़कों की खुदाई की गई है. राजधानी लखनऊ के हजरतगंज, निशातगंज चौक, अमीनाबाद, जगदीश चंद्र बोस वार्ड सहित कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है. सड़क पर जगह-जगह की गई खुदाई के कारण लोगों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
इस बारे में ईटीवी भारत ने लोगों से बात की. जगदीश चंद्र बोस वार्ड में रहने वाले राजीव गुप्ता का आरोप है कि जल निगम बहुत ही घटिया तरीके से काम कर रहा है. कोई मैनेजमेंट नहीं है. पिछले वर्ष जनवरी में यहां पर सड़कों का निर्माण किया गया था. अगस्त-सितंबर में गिट्टी डालकर छोड़ दिया गया. अभी एक वर्ष पूरा नहीं हुआ कि फिर से निर्माण शुरू कर दिया गया है. इस पूरे इलाके में सड़कों की खुदाई कर दी गई है, जिसके कारण यहां के लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बारिश के दिनों में पानी घर के अंदर चला जा रहा है और आए दिन यहां पर मोटरसाइकिल दुर्घटनाग्रस्त होती रहती हैं. हर जगह शिकायत करने के बाद जब समस्या का समाधान नहीं हुआ जिसके बाद हमने अपने घर के दरवाजे पर हमारी भूल कमल का फूल के पोस्टर लगा दिए.
इस बारे में जल निगम के मुख्य अभियंता एके सिंह का कहना है कि जहां पर भी निर्माण कार्य होता है, वहां सड़कों की खुदाई की जाती है. पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई की जाती है और काम पूरा होने के बाद सड़कों की फीलिंग और ड्रेसिंग करा दी जाती है. मुख्य अभियंता एके सिंह का कहना है कि तत्काल सड़क बनाने पर सेटेलमेंट नहीं हो पाता है. इस कारण निर्माण में देरी हो रही है पर जब निर्माण हो जाएगा जिसका फायदा राजधानी लखनऊ की जनता को मिलेगा और उसके बाद यह लोग अपना दुख-दर्द भूल जाएंगे.
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बताते चलें कि जल निगम के मुख्य अभियंता भले ही सड़कों की फिलिंग और ड्रेसिंग कराए जाने की बात कह रहे हैं पर असली हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत हैं और यही कारण है कि लगभग 2 साल से राजधानी लखनऊ में अमृत योजना के तहत हो रहा काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. कभी अधिकारी इसके लिए कोरोना संक्रमण को जिम्मेदार ठहराते हैं, तो कभी बजट का अभाव हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इसे जल्द ही पूरा करा लिया जाएगा अब देखने वाली बात यह होगी कि राजधानी लखनऊ की जनता को इन गड्ढा युक्त सड़कों से निजात कब मिलेगी.