लखनऊ: पुराने लखनऊ में होली का जुलूस पूरी शान से निकाला गया. हालांकि इस बार जुलूस में बीते सालों की अपेक्षा कम लोग शामिल हुए. प्रेम और सौहार्द्र का संदेश देने वाले इस जुलूस में सालों पुरानी परंपरा एक बार फिर बरकरार दिखाई दी.
पुराने लखनऊ के चौक में निकाला गया होली का परंपरागत जुलूस
इस दौरान लखनऊ के एक दर्जन से ज्यादा मोहल्लों से होकर गुजरने वाले इस जुलूस में सभी वर्ग के लोग शामिल हुए . इस जुलूस में लोग ऊंट और तांगा- इक्के पर सवार होकर शामिल हुए. जुलूस के आयोजकों ने बताया कि देश की आजादी के पहले से शहर में होली के रंगारंग जुलूस की परंपरा चली आ रही है. इसका मकसद लोगों के घर-घर जाकर उन्हें आपसी भेदभाव भुलाकर एक साथ होली खेलने का न्यौता देना है. यह जुलूस जब गलियों से होकर गुजरता है तो उन लोगों के पास भी पहुंचता है जो किसी परेशानी की वजह से होली के उत्सव में शामिल नहीं हो पाए. ऐसा करके छोटी-मोटी परेशानी से घिरे लोगों को जुलूस में शामिल लोग अपने साथ आने का मौका देकर उसके दुख को कम करने का प्रयास करते हैं. साथ ही अगर किसी पर कोई बड़ा संकट है तो उसके मोहल्ले से गुजरने के दौरान लोग हकीकत से वाकिफ होने पर मदद की पेशकश भी करते रहे हैं. इसी वजह से इस जुलूस की अहमियत सालों-साल बढ़ती जा रही है.