परिवहन विभाग की इस योजना का लाभ उठा रहे हैं यूपी के लोग, खुल रहे प्रदूषण जांच केंद्र - लखनऊ का समाचार
प्रदूषण जांच केंद्र के जरिए युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की योजना परिवहन विभाग ने शुरू की थी. अब इस योजना का फैलाव धीरे-धीरे हो रहा है. बीते अप्रैल महीने में शुरू इस योजना के तहत अभी तक प्रदेश भर में कुल 21 सौ की संख्या में प्रदूषण जांच केंद्र खोले जा चुके हैं.
खुल रहे प्रदूषण जांच केंद्र
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Published : Oct 19, 2021, 10:52 PM IST
लखनऊः राजधानी में भी प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या सौ पार कर चुकी है. इसके साथ ही प्रदेश के अन्य दो जिलों में भी प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या सौ से अधिक हो चुकी है. हालांकि प्रदेश के प्रत्येक थानों में एक प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाने की बात से असमंजस की स्थिति बनी हुई है. बावजूद इसके प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के इच्छुक आवेदनकर्ताओं के लिए परिवहन विभाग ने दरवाजे खोल रहे हैं.
गौरतलब है कि परिवहन विभाग की तरफ से अप्रैल 2020 में नवीन उत्तर प्रदेश ऑनलाइन मोटरयान प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की योजना शुरू की थी. योजना के तहत कोई भी व्यक्ति, एनजीओ, ट्रस्ट, सभी प्रकार की फर्म, प्राइवेट/लिमिटेड पार्टनरशिप, प्रोपराइटरशिप, परिवहन विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त गैराज में भी प्रदूषण जांच केंद्र खोले जा सकते हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के वर्कशॉप में भी प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित करने का भी प्रावधान किया गया है.
कंप्यूटराइज प्रदूषण जांच केंद्र
बीते सालों में अधिकतर प्रदूषण जांच केंद्र पेट्रोल पंप पर ही खुले हैं. परिवहन विभाग के अफसरों की मानें तो कुल प्रदूषण जांच केंद्रों में से 60 से 70 फीसदी पेट्रोल पंप या उसके आसपास खुले हैं. नई योजना में अगर कोई व्यक्ति मोबाइल वैन में प्रदूषण जांच केंद्र चलाना चाहता है, तो उसे भी इसकी अनुमति मिलेगी. हालांकि इसके लिए शर्त यह होगी कि वह प्रदूषण जांच केंद्र के 500 मीटर के दायरे के भीतर नहीं जाएगा. मोबाइल वैन के लिए वही नियम व शर्तें रखी गई हैं, जो सामान्य तौर पर खोले जाने वाले प्रदूषण जांच केंद्र के लिए है.
कार्यालय परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश
प्रदूषण जांच केंद्र के लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ सिक्योरिटी जमा करनी होगी. इसके लिए प्रत्येक मशीन के लिए पांच हजार सिक्योरिटी मनी तय की गई है. यानी अगर कोई व्यक्ति पेट्रोल और डीजल दोनों वाहनों की जांच संबंधी मशीन रखना चाहता है तो उसे कुल 10 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी जमा करनी होगी. प्रदूषण जांच केंद्र की वैधता तीन साल के लिए होगी. इसके बाद इसका रिनुअल कराना होगा. इस योजना के तहत प्रदूषण जांच केंद्र में उत्सर्जन जांच करने वाले ऑपरेटर की शैक्षिक योग्यता न्यूनतम हाईस्कूल निर्धारित की गई है, साथ ही उसे कम्प्यूटर की जानकारी भी होनी चाहिए.
प्रदूषण जांच केंद्र के आवेदन के लिए प्रपत्र मशीन का बिल, जांच केंद्र मालिक का पहचान पत्र, ऑपरेटर का पहचान पत्र, शैक्षिक योग्यता और कार्यस्थल का रेंट एग्रीमेंट या स्वामित्व का प्रमाण पत्र आदि अपलोड करने के बाद प्रत्येक मशीन के लिए निर्धारित की गई. सिक्योरिटी मनी का भुगतान करना होगा. नवीन उत्तर प्रदेश ऑनलाइन मोटरयान प्रदूषण जांच केंद्र योजना 2020 का विस्तृत विवरण परिवहन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है. प्रदूषण जांच केंद्र आवेदन के 20 दिन के भीतर खोले जा सकेंगे. प्रदूषण जांच केंद्र खोलने वाले व्यक्ति को पेट्रोल चालित दोपहिया वाहन पर 50 रुपये, तिपहिया पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी गाड़ी, चार पहिया वाहन का 70 रुपये, ट्रक और अन्य डीजल वाहन के प्रदूषण की जांच के लिए 100 रुपये मिलेंगे.