लखनऊ :उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों को लेकर सभी दलों ने राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दीं हैं. राज्य में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी भी अपनी जीत के लिए रणनीति बना रही है. पार्टी की चुनाव को लेकर किस प्रकार की तैयारी है और किन मुद्दों पर पार्टी आगामी चुनाव में फोकस करने वाली है, इसे लेकर हमने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप से बातचीत की. गोप का राजनीति में उभार छात्र राजनीति से हुआ. वह लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे हैं. वह राजनीति की गहरी समझ रखते हैं. उनसे बीतचीत के प्रमुख अंश..
प्रश्न :भावी विधानसभा चुनावों को लेकर सपा की क्या तैयारी है?
उत्तर :पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में बूथ स्तर पर काम कर रहे हैं. पूरा संगठन सक्रिय है. हमारा लक्ष्य 2022 का चुनाव जीतना है. विगत पांच साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार के काम से किसान, गरीब और नौजवान सभी नाराज हैं. प्रदेश की जनता परिवर्तन चाहती है. विकल्प के तौर पर जनता के पास सिर्फ और सिर्फ समाजवादी पार्टी ही है. जो काम अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते किया, चाहें युवाओं को लैपटॉप देना हो, गरीबों को लोहिया आवास देना हो, समाजवादी पेंशन, पुल हो या अस्पताल, सभी काम आज भी अपना महत्व रखते हैं. जिन मेडिकल कॉलेजों की बात भाजपा कर रही है, मैं पूछता हूं किसकी सरकार की देन हैं? यह सारे काम अखिलेश यादव जी ने किए हैं. इस सरकार का विकास से कोई लेना-देना नहीं है. जनता अब ऊब चुकी है.
प्रश्न :आपकी पार्टी इस बार चुनावों में कौन से मुद्दे लेकर जाने वाली है?
उत्तर :बेरोजगारी, महंगाई, कोरोना से निपटने में सरकार की असफलता आदि सभी महत्वपूर्ण मुद्दे रहेंगे चुनाव में. मुद्दे ही मुद्दे हैं हमारे पास. यह आजादी के बाद पहली सरकार है जिससे कोई खुश नहीं है.
प्रश्न :क्या विकास इस चुनाव में मुद्दा बनेगा?
उत्तर :विकास इस चुनाव में बहुत बड़ा मुद्दा होगा. बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा होगा.
प्रश्न :कहा जाता है कि समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में काफी काम हुए. यदि विकास का मुद्दा सफल होता तो आप लोग पिछला चुनाव हारते ही क्यों? आपका क्या मानना है?
उत्तर :भारतीय जनता पार्टी के लोग बड़े मायावी हैं. वह उत्तर प्रदेश की भोली-भाली जनता को बहकाने में कामयाब हो गए थे. लेकिन अब जनता समझ रही है कि बहकाने के बाद परिणाम क्या मिला उन्हें. आज किसान गांव में बिजली के लिए परेशान है. नलकूप के पानी के लिए परेशान है. बिजली की बढ़ी दरों के लिए परेशान है. विद्यार्थी पढ़ाई के लिए परेशान है. लोगों ने यह सोचा था कि भाजपा कोई बहुत बड़ा करिश्मा कर देगी लेकिन करिश्मा तो किया नहीं. भाजपा तो सारे वादों पर फेल है. यही कारण है कि आज जनता इनसे ऊब चुकी है और वह विकास के मुद्दे पर अखिलेश यादव को चुनेगी.
प्रश्न :भाजपा चुनाव के लिए बड़ी तैयारी कर रही है. मायावती जी दिल्ली छोड़ लखनऊ आ गई हैं. छोटे दल भी बहुत सक्रिय हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी की तैयारी उस तरह नहीं दिखाई दे रही है. आपको क्या लगता है?
उत्तर :सपा की तैयारी युद्धस्तर पर है. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष रोज पार्टी कार्यालय पर 6-7 घंटे बैठते हैं. कार्यकर्ता एवं नेताओं से मिलते हैं. प्रदेश से जो पीड़ित जनता आती है, उससे मिलते हैं. उनका फोकस सिर्फ और सिर्फ चुनाव पर है. यह सही है कि 2022 का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है. कोविड के कारण पिछले दो साल में सबके कार्यक्रम रुक गए हैं, लेकिन अखिलेश यादव आज लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और फोन के माध्यम से लोगों से जुड़े रहे हैं. प्रदेश के पहले नेता हैं, जो लोगों से सीधे जुड़े रहते हैं. वह संगठन पर काम कर रहे हैं.