लखनऊ : नगर निगम भले ही लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रयास में लगा हुआ है, पर राजधानी के वार्डों में जिस तरह से समस्याएं हैं, उससे इन वार्डों में रहने वाले लोगों को नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. वार्ड के लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद भी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है.
इस वार्ड में न तो नाली की सफाई होती है और न ही झाड़ू लगती है - भद्रक मोहल्ला
जिस तरह से राजधानी के वार्डों में गंदगी व्याप्त है और सफाई नहीं होती है, उससे नगर निगम का लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना अधूरा लगता है. ताजा मामला शारदा नगर वार्ड का है, जहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.
![इस वार्ड में न तो नाली की सफाई होती है और न ही झाड़ू लगती है People living in Sharda Nagar ward are deprived of basic amenities](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-10092466-977-10092466-1609581282108.jpg)
संक्रामक बीमारियों के फैलने का रहता है खतरा
लखनऊ नगर निगम के वार्ड संख्या 6 शारदा नगर के भद्रक मोहल्ले में रहने वाले रमेश चंद्र शुक्ला का कहना है कि यहां पर न तो नालियों की सफाई होती है और न ही मोहल्ले में झाड़ू लगती है. नगर निगम के सफाई कर्मचारी यहां पर फॉर्मेलिटी करते हैं. सफाई न होने के कारण संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा हमेशा यहां पर बना रहता है. दवाओं का भी छिड़काव नगर निगम की टीम नहीं करती हैं.
सीवर की नहीं होती सफाई
रमेश चंद्र का कहना है कि ऑनलाइन शिकायत पर भी कोई एक्शन नहीं लिया जाता है, जिसके कारण हम लोगों को काफी समस्याएं होती हैं. स्थानीय कैसर जहां का कहना है कि मोहल्ले में पानी भरा रहता है. सीवर की सफाई नहीं होती है और बारिश के दिनों में सीवर का पानी घरों में आ जाता है. इसकी शिकायत कई बार की गई पर अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ. वहीं किरण रावत का कहना है कि नालियों में सीवर मिले हुए हैं, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है. घरों में पानी भर जाता है मगर हम लोगों की सुनने वाला कोई नहीं है.
क्या कहते हैं पार्षद
इस बारे में पार्षद विनोद मौर्या का कहना है कि मोहल्ले में पानी की टंकियां लगवाई जा रही है. इसके साथ ही सड़कें भी बनवाई जा रही हैं. जिन स्थानों पर अभी साफ-सफाई की समस्या आ रही है, वहां जल्द साफ-सफाई कराकर इसका समाधान किया जाएगा.