लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर ( Third wave) में एक्सपर्ट द्वारा बच्चों पर ज्यादा असर की आशंका के बीच स्वास्थ्य विभाग लगातार अपने स्तर से तैयारियां कर रहा है. इसके तहत प्रदेश के हर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी और पीएचसी में तैनात पीडियाट्रिशियन और हेल्थ केयर वर्कर्स की ट्रेनिंग पहली जुलाई से शुरु होगी. कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई. जहां एक्सपर्ट द्वारा बच्चों के इलाज से संबंधित बारीकियां, जिसमें सामान्य वार्ड व आईसीयू में देखभाल के बारें में बताया जाएगा. राजधानी के सभी अस्पताल में पीडियाट्रिशियन वार्ड को अच्छी तरह से तैयार कर लिया गया है.
एक्सपर्ट देंगे ट्रेनिंग
राजधानी में स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेनिंग की जिम्मेदारी लोकबंधु अस्पताल को दी है. साथ ही ट्रेनिंग देने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है. जिसके तहत डॉक्टर्स, नर्स, टेक्नीशियन व अन्य को चरणबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जाएगी. एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि ट्रेनिंग से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. यहां जिले भर के डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स को ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा. इसके लिए केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान के पीडियाट्रिशियन की मदद ली जाएगी. जहां ट्रेनिंग में जिले भर के अस्पतालों के डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ के अलावा मोहनलालगंज, गोसाईगंज, चिनहट और मलिहाबाद सीएचसी आदि की टीम शामिल रहेगी. यहां पांच-पांच बेड के एन-आईसीयू व पी-आईसीयू बनाए जा रहे हैं. ऐसे में सभी को ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा.
इससे पहले कभी नहीं की गई इतनी तैयारी
एमएस डॉक्टर अजय त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार काफी ज्यादा संजीदा है. साथ ही इससे पहले कभी भी पीडियाट्रिशियन को किसी बीमारी के लिए ट्रेनिंग नहीं दी गई. अस्पतालों में पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी शहरीय व ग्रमीण क्षेत्र के सीएचसी व पीएचसी के कर्मचारी पीडियाट्रिशियन की ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि कोरोना से बच्चों को बचाने में डॉक्टर तैयार रहें.