लखनऊः कोरोना की पहली लहर में बच्चों को कोरोना वायरस से कोई खतरा नहीं था, लेकिन वर्तमान समय में बच्चे भी कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं. इस समय अगर पेरेंट्स किसी बालरोग चिकित्सक को दिखाने लेकर जा रहे हैं तो विशेषज्ञ का भी यही कहना होता है कि अगर वर्तमान समय में बच्चे के पेट में दर्द के साथ ऐठन हो रही है, तो जाहिर सी बात है, बच्चे को डायरिया की शिकायत है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय बच्चों में डायरिया का बढ़ना कोरोना वायरस की ही देन है. विशेषज्ञ बतातें हैं कि बच्चों में संक्रमण के लक्षण वयस्कों से बहुत अलग नहीं हैं. बच्चों में संक्रमण के बाद डायरिया के मामले अधिक देखे जा रहे हैं. इसलिए बच्चे को अचानक डायरिया हो तो कोरोना की जांच जरूर कराएं.
पेट में दर्द के साथ हो ऐठन तो दिखाएं डॉक्टर को
बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों में पेट संबंधी तकलीफ अधिक देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि, हो सकता है कि बच्चा तकलीफ न बताए पाए या अपनी दिक्कत को समझ न पाए. अभिभावक ध्यान रखें कि अगर बच्चा बार-बार पेट पकड़ रहा है, खाना नहीं खा रहा है, उसका स्वभाव अचानक बदल रहा है, बच्चा चिड़चिड़ा हो रहा है तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श लें. बच्चे लक्षण नहीं बता पाएंगे, लेकिन जांच से उनमें वायरस का पता चल सकता है. उन्होंने बताया कि बच्चों में अभी तक संक्रमण बहुत अधिक हावी नहीं हो रहा है और सामान्य इलाज से बच्चे आसानी से ठीक भी हो रहे हैं. इसलिए समय रहते बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं और बच्चों का विशेष ख्याल रखें.
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हाई रिस्क वाले बच्चों को लेकर बरतनी होगी सावधानी
डॉ. हिमांशु बताते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर वायरस के हमले का अनुमान लगाया जा रहा है. क्योंकि दूसरी लहर में बच्चों पर वायरस का प्रभाव पड़ा है. जिसके कारण उन्हें डायरिया की शिकायत हो रही है, लेकिन माता-पिता संक्रमण को पहचान नहीं कर पा रहे हैं. अभिभावकों को हाई रिस्क वाले बच्चों जैसे अस्थमा, हृदयरोग, कैंसर, मधुमेह समेत अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को लेकर अधिक सावधानी बरतनी होगी. ऐसे बच्चों को बदले हुए स्ट्रेन से संक्रमण हुआ तो इनकी स्थिति बिगड़ सकती है. जिन बच्चों की कीमोथैरेपी चल रही है, उनको लेकर बहुत अधिक सतर्क रहना होगा. बच्चों का विशेष ख्याल रखें.