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यूपी में अब एक क्लिक पर मरीजों की पूरी हिस्ट्री, निजी अस्पतालों को भी अपलोड करना होगा डेटा

कई बार पूर्व में कराए गए मरीजों की इलाज की हिस्ट्री गंभीर बीमारियों में बेहद जरूरी हो जाती है. इससे चिकित्सक भी बीमारी की गंभीरता को आसानी से समझ सकते हैं. इसे लेकर अब निजी अस्पताल के मरीजों का भी डेटा (patient treatment history digitalization) सुरक्षित रखने की रणनीति तैयार की गई है.

लखनऊ
लखनऊ

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 14, 2023, 4:58 PM IST

Updated : Nov 14, 2023, 5:22 PM IST

लखनऊ : चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाईं जा रहीं हैं. बहुत सारे नए मेडिकल संस्थान बनाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान भारत योजना के डिजिटलाइजेशन के तहत निजी अस्पतालों को भी सरकारी पोर्टल से जोड़ रहा है. ऐसा होने से बहुत से मरीजों को आसानी से सही इलाज मुहैया हो पाएगा. चिकित्सक एक क्लिक पर उनकी केस हिस्ट्री के बारे में जान सकेंगे.

निजी अस्पताल भी सरकारी पोर्टल से जुड़ेंगे.

बनाई जा रही लॉग-इन आईडी :सरकारी चिकित्सा संस्थानों में अक्सर मरीज कई अस्पतालों में इलाज करवाने के बाद पहुंचते हैं. ऐसे में डॉक्टरों को यह पता नहीं चल पाता कि किस अस्पताल में मरीज का क्या इलाज हुआ. यह दिक्कत दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों के मरीजों का भी डेटा सरकारी पोर्टल पर अपडेट करने की योजना बनाई है. इसके लिए निजी अस्पतालों की लॉग-इन आईडी बनाई जा रही है, जिसके जरिए वह हर मरीज के इलाज का ब्योरा पोर्टल पर फीड कर सकेंगे.

अस्पतालों का हो रहा डिजिटलाइजेशन :आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अस्पतालों का डिजिटलाइजेशन हो रहा है. इसमें अब निजी अस्पतालों को भी जोड़ा गया है. योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह ने बताया कि सभी निजी अस्पतालों का डेटा पोर्टल पर अपडेट करने को कहा गया है. इसके लिए हर मरीज की आईडी का इस्तेमाल होगा, जिससे कोई रिपोर्ट मिक्स होने का जोखिम नहीं रहेगा. जिम्मेदारों के मुताबिक, नई व्यवस्था के तहत मरीज की क्लिनिकल हिस्ट्री पता करना बेहद आसान होगा. बरसों बाद भी मरीज की जांच और इलाज का ब्योरा एक क्लिक पर मिल सकेगा.

मरीज की पूरी हिस्ट्री होने पर इलाज में भी काफी आसानी होगी.



इंश्योरेंस क्लेम भी आसान होगा :डॉ. एपी सिंह ने बताया कि इस योजना से न इलाज के साथ इंश्योरेंस क्लेम में भी मदद मिल सकेगी. इंश्योरेंस क्लेम करने पर कंपनियां जांच रिपोर्ट और पर्चे समेत तमाम रिकॉर्ड मांगती हैं. नई योजना के तहत मरीज सीधे आयुष्मान पोर्टल से कंपनियों को एक्सेज दे सकेंगे. इससे कंपनियां मरीज की सारी रिपोर्ट देख सकेंगी और इसके वेरिफिकेशन का झंझट भी नहीं रहेगा .

एक क्लिक पर मिल जाएगी रिपोर्ट :स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि रोजाना सरकारी अस्पतालों में हजारों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. इनमें से बहुत से मरीज ऐसे होते हैं जो निजी अस्पतालों में इलाज कराकर थक चुके होते हैं. कुछ मरीजों के पास तो उनकी पुरानी इलाज की रिपोर्ट होती है. लेकिन, बहुत से ऐसे मरीज होते हैं जिनके पास उनके पुराने इलाज की कोई भी रिपोर्ट नहीं होती है. ऐसे में मरीज का इलाज आगे बढ़ाने के लिए उसकी पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है. रिपोर्ट न होने के कारण मरीज के इलाज में लेटलतीफी होती है. अगर सारी रिपोर्ट एक क्लिक पर डॉक्टर को मिल सकेंग तो डॉक्टर उसे हिसाब से फिर मरीज का बेहतर इलाज कर सकेगा.

निजी अस्पतालों के मरीजों की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी.

दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे काम :मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के डिजिटलाइजेशन के तहत सभी अस्पतालों को डिजिटलाइज किया जा रहा है. निजी अस्पतालों को भी पोर्टल से जोड़ा जाएगा उनकी नई आईडी बनाई जाएगी जिस आईडी से वह जुड़ेंगे. निजी अस्पताल में मरीज की कौन सी बीमारी की का क्या इलाज चला, इसकी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर होगी. अगर वहीं मरीज किसी सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए कभी पहुंचता है तो विशेषज्ञ डॉक्टर सिर्फ एक क्लिक से उसकी पुरानी हिस्ट्री निकाल लेंगे. इसके बाद फिर उसका इलाज शुरू करेंगे. चिकित्सा क्षेत्र में यह एक बेहतर पहल होगी. कोशिश है कि दिसंबर महीने तक इसके सारे काम पूरे हो जाएं.

मरीजों को भी मिलेगी राहत :सिविल अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचे अशोक द्विवेदी ने बताया कि अगर इस तरह की कोई लाभकारी योजना चिकित्सा क्षेत्र में आ रही है तो यह बहुत ही अच्छी पहल है. एक मरीज निजी अस्पताल में भी इलाज करता है और जरूरत पड़ने पर सरकारी अस्पताल के भी चक्कर लगाता है. ऐसे में हर जगह की रिपोर्ट को एकत्रित रखना बड़ी बात हो जाती है. सारी रिपोर्ट्स इधर से उधर हो जाती हैं. कभी कोई रिपोर्ट की पूरी प्रिंटआउट छूट जाती है. बहुत सारी दिक्कतें होती हैं. अगर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ऐसी कोई अनूठी पहल की जा रही है. जिससे सिर्फ एक आईडी के जरिए मरीज को उसकी सारी रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगी तो वाकई में यह एक अच्छी पहल है. इस पहल का हम बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

सालों से चल रहा है इलाज, नहीं संभाल पाती हर रिपोर्ट :मरीज अनीता सक्सेना ने कहा कि पिछले नौ साल से उनका डायलिसिस चल रहा है. वर्तमान में डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की भी शिकार हो गईं हैं. ऐसे में बहुत सारी रिपोर्ट होती है. जिसे संभाल कर रखना पड़ता है. कई बार बहुत सारी रिपोर्ट जो जरूरी होती है वह घर पर ही छूट जाती है. स्वास्थ्य विभाग यदि यह योजना ला रहा है कि एक क्लिक पर हमने जहां-जहां जो इलाज कराया है, उसकी रिपोर्ट मिल जाएगी. यह योजना मरीजों को लिए काफी लाभदायक होगी.

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Last Updated : Nov 14, 2023, 5:22 PM IST

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