लखनऊ:प्रदेश सरकार ने कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर अस्पतालों में विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश के ग्रामीण व शहरी सभी अस्पतालों में सुविधाओं व व्यवस्थाओं पर सरकार अपनी पैनी नजर बनाए हुए है. प्रदेशवासियों को कोरोना के नए वेरिएंट से बचाने के लिए सरकार ने हर जिले की सुरक्षा व सर्तकता के लिए चक्रव्यूह तैयार किया है. मुख्यमंत्री यागी आदित्यनाथ ने महामारी से बचाव और इलाज के संबंध में विशेषज्ञ डॉक्टर्स के बिन्दुओं पर गंभीरता से काम करने के संग टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
राजधानी लखनऊ के निजी और सरकारी अस्पतालों को चार चरणों में बांटा गया है. इन अस्पतालों में कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर चिकित्सीय सुविधाओं में इजाफा करते हुए विशेष व्यवस्था की जा रही है. जिसमें पहले फेज में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), आरएसएम, ईएसआई, अपोलो दूसरे चरण में एसजीपीजीआई, बलरामपुर, नार्देन रेलवे, सहारा तीसरे चरण में एराज मेडिकल कॉलेज, आरएमएलआईएमएस, 50 बेड वाला चिनहट अस्पताल, मेदांता और चौथे चरण में टीएस मिश्रा, इंट्रीग्रल, टीबी अस्पताल, कैंसर एसएस अस्पताल, सीएचसी मोहनलालगंज, सीएचसी गोसाईगंज इसके साथ ही लोकबंधु अस्पताल को विदेश यात्रा करने वालों के लिए नोटिफाई किया गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे भी पढ़ें -असदुद्दीन ओवैसी बोले-सभी दलों ने मुसलमानों का शोषण किया, वक्त आ गया खुद का नेतृत्व करने का...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कम समय में यूपी के अस्पतालों को चिकित्सीय सुविधाओं से लैस किया है. इतना ही नहीं यूपी के अस्पतालों का तेजी से डिजिटलाइजेशन भी किया जा रहा है. लखनऊ के एराज मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रधानाचार्य, संकायाध्यक्ष, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो.डॉ.एमएम ए फरीदी ने बताया कि रिमोट मॉनिटरिंग डैशबोर्ड कोविड (डिजी डॉक्टर) से 24 घंटे आईसीयू के मरीजों की निगरानी की जा रही है. उन्होंने बताया सीएम योगी आदित्यनाथ ने डिजिटल इंडिया को प्रदेश में बढ़ावा दिया है जिससे पिछले कई सालों से पुराने ढर्रे पर काम कर रहे अस्पतालों को डिजिटल कर उनकी कार्यक्षमता दोगुनी हुई है.
कोरोनाकाल में मरीजों के लिए संजीवनी बना कोविड डैशबोर्ड
कोरोना की पहली दूसरी लहर में मरीजों की मॉनीटरिंग डॉक्टरों के लिए एक बड़ी चुनौती थी पर यूपी के सरकारी व निजी अस्पताल जैसे एराज मेडिकल कॉलेज, आरएमएल व पीजीआई में कोविड डैश बोर्ड से मरीजों की 24 घंटे निगरानी की गई. डॉ एमएम ए फरीदी ने बताया कि डिजिटल डैश बोर्ड से गंभीर मरीजों का वर्गीकरण, डाटा ट्रेकिंग की जा सकती है. उन्होंने बताया कि सरकार के प्रोत्साहन से हम लोगों ने केन्द्र सरकार के दो अस्पतालों में कोविड डैश बोर्ड को लगाया गया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप