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फर्म की लापरवाही, मरीजों और डॉक्टरों को नहीं मिल रही दवा - केजीएमयू में दवा का संकट

केजीएमयू में दवा का संकट गहरा गया है. यहां मरीज सामान्य दवाओं के लिए मेडिकल स्टोर के चक्कर लगा रहे हैं. वहीं डॉक्टर-कर्मचारियों को भी दवा के लाले हैं. उन्हें लोकल पर्चेज (एलपी) से मिलने वाली दवाओं के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है. चिकित्सा अधीक्षक के लिखे गए पत्र से यह खुलासा हुआ है.

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मरीजों और डॉक्टरों को नहीं मिल रही दवा

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Published : Mar 6, 2021, 5:22 PM IST

लखनऊ: केजीएमयू में हॉस्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) के अलावा लोकल पर्चेज के लिए निजी फर्म तय की गई है. फर्म समय पर दवा आपूर्ति में लापरवाही कर रही है. ऐसे में संस्थान में दवा का संकट गहरा गया है. पहले मरीजों को ही समय से दवा नहीं मिल रही थी. अब कर्मचारी और चिकित्सकों को भी समय से दवा मुहैया नहीं हो पा रही है. इस संबंध में केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी हिमांशु ने कुलपति डॉ. विपिन पुरी को पत्र लिखा है. इसमें संबंधित फर्म को नोटिस देकर कार्रवाई की मांग की है. साथ ही सुधार न होने पर फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दूसरी फर्म को दवाओं को आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपने की बात कही है.

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असाध्य रोग की दवा में भी दिक्कत

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी हिमांशु ने अपने पत्र में लिखा है कि लोकल पर्चेज के माध्यम से डॉक्टर, कर्मचारी और असाध्य रोगों के मरीजों को दवा मुहैया कराई जाती है. अमा मेडिकल स्टोर को इसकी जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन लापरवाही के कारण सभी को समय से दवा नहीं मिल पा रही है. मेडिकल स्टोर को इसके लिए पहले ही निर्देशित किया जा चुका है, फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ. कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार के अलावा दूसरे विभागों के डॉक्टरों ने भी इसकी शिकायत की है. इसके चलते इलाज प्रभावित हो रहा है. ऐसे में जितने भी कर्मचारी और डॉक्टरों को दवा लिखी गई है, उन्हें दो दिन में मुहैया कराने के लिए कहा जाए. अगर दो दिन में दवा नहीं मिलती है, तो संबंधित फर्म पर आर्थिक दंड लगाते हुए ब्लैक लिस्टेड किया जाए.

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