लखनऊ: सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों की जांच तक नहीं हो रही है. इससे जांच का ग्राफ अभी तक नहीं बढ़ रहा है. सर्दी-जुखाम व बुखार लक्षण वाले मरीजों की जांच की जा रही है. जबकि आदेश है कि अधिक से अधिक मरीजाें की जांच कराई जाए, ताकि कोविड प्रसार को रोका जा सके. अस्पताल प्रभारियों का कहना है ओपीडी में भर्ती मरीजों के अभी कोविड के लक्षण (Corona test in Lucknow) वाले मरीजों की जांच हो रही है.
सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीज कोरोना पॉजिटिव निकला शुरू हो गए हैं. सिविल अस्पताल में बीते हफ्ते एक महिला भर्ती कराई गई थी. जांच में वह कोरोना पॉजिटिव निकली. अस्पताल से उसे होम आइसोलेशन में भेज दिया गया. इसी तरह अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीज लगातार पॉजिटिव निकल रहे हैं. अहम बात यह है पॉजिटिव निकले मरीजों के संपर्क में रहे, दूसरे मरीजों की जांच तक नहींं हो रही है. बड़े अस्पतालों में हर दिन करीब 40-50 नए मरीज भर्ती होते हैं. इसमें दस फीसदी से कम मरीजों की कोविड जांच हो रही है.
लखनऊ के सरकारी अस्पताल में समस्या को लेकर बलरामपुर सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने कहा कि सभी मरीजों की कोविड जांच नहीं हो रही है. जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण नजर आते हैं, उनकी जांच हो रही है. अस्पतालों में मास्क लगाने को लेकर भी सख्ती नहीं की जा रही है. सरकारी अस्पतालों की ओपीडी-इमरजेंसी में आने वाले मरीज-तीमारदार बिना मास्क लगाए घूम रहे हैं. मास्क को लेकर अभी तक कोई भी सख्ती शुरू नहीं हुई. यह लापरवाही भारी पड़ सकती है. अफसरों का कहना है अभी तक बिना मास्क के प्रवेश न दिए जाने को लेकर आदेश नहीं मिला है.
अस्पतालों की इमरजेंसी में भर्ती मरीजों की नहीं हो रही कोविड जांच? - Corona test in Lucknow
लखनऊ के अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पतालों की इमरजेंसी में भर्ती मरीजों की कोविड जांच (Corona test in Lucknow) नहीं की जाती है. बलरामपुर सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने कहा कि केवल लक्षण होने पर पुष्टि के लिए लक्षण वाले उनकी जांच हो रही है.
ज़रूरत होने पर लखनऊ में कोरोना की जांच के साथ ही, सभी से मास्क लगाए जाने की अपील की जा रही है. जिले में हो रही करीब डेढ़ हजार जांच पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया, बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु, रानीलक्ष्मीबाई, ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय समेत निजी अस्पताल मिलाकर हर दिन करीब डेढ़ हजार लोगों की जांच कर पा रहे हैं. इसमें करीब पांच सौ जांच ऑपरेशन कराने से पहले मरीज करवा रहे हैं. विभाग के जरिए करीब एक हजार से कम लोगों की जांच कर रहा है.
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