बलरामपुर अस्पताल में मरीज की मौत, परिजनों ने लगाया यह आरोप - health department
बलरामपुर अस्पताल में इमरजेंसी से आईसीयू में शिफ्ट करते समय एक मरीज की मौत हो गई. मरीज की नाक से खून बहने लगा था.
Etv Bharat
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Published : Jul 24, 2023, 7:35 AM IST
लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी से आईसीयू में शिफ्टिंग के दौरान दूसरे दिन भी एक गंभीर मरीज की जान चली गई. उसे इमरजेंसी से स्ट्रेचर पर आईसीयू भेजा गया था. रास्ते में नाक से खून तेजी से बहना शुरू होने पर स्टॉफ वापस इमरजेंसी लाैटा लाया, वहां पर इलाज दौरान उसकी मौत हो गई. परिजनों ने इलाज में कोताही का आरोप लगाया है.
खदरा के रहने वाले फैसल उर्फ गुड्डू को शुक्रवार को गंभीर हालत में इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा था. शनिवार शाम हालत गंभीर होने पर स्टॉफ ने मरीज को आईसीयू में भेजने का फैसला लिया. स्टॉफ स्ट्रेचर से मरीज को लेकर आईसीयू में शिफ्ट करा रहा था. आधे रास्ते में पहुंचते ही मरीज की नाक से तेजी से खून बहने लगा. घबराया स्टॉफ मरीज को आईसीयू ले जाने के बजाए वापस इमरजेंसी लौटा लाए. वहां पर डॉक्टरों ने मरीज की जान बचाने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन का कहना है 'मरीज क्रॉनिक लीवर डिजीज से ग्रस्त था. वह गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुआ था.'
मालूम हो कि इससे पहले बीते शुक्रवार को भी एक बुजुर्ग की भी शिफ्टिंग के दौरान मौत हुई थी, जिसके बाद अस्पताल के निदेशक ने एम्बुलेंस के जरिए मरीज को शिफ्ट कराने का दावा किया था, जो शनिवार को हवा-हवाई साबित हुआ. दूसरे दिन भी इमरजेंसी से आईसीयू में मरीज स्ट्रेचर पर शिफ्ट कराए जा रहे थे. इस संबंध में अस्पताल के निदेशक डॉ. एके सिंह का कहना है कि 'इस घटना की जांच कराई जाएगी. मौत की क्या वजह रही है यह जांच से स्पष्ट होगा.'
बलरामपुर अस्पताल में गंभीर मरीजों को इमरजेंसी से सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में शिफ्ट करना आसान होगा. इसके लिए इमरजेंसी से सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के बीच ब्रिज बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. बलरामपुर अस्पताल में 756 बेड हैं. इमरजेंसी से लेकर आईसीयू-वेंटिलेटर तक का संचालन हो रहा है. इमरजेंसी से गंभीर मरीजों को आईसीयू में शिफ्ट करने की समुचित व्यवस्था नहीं है. स्ट्रेचर से मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है. इमरजेंसी से सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की दूरी काफी है. ऐसे में मरीजों को शिफ्ट करने में दिक्कत होती है. मरीजों की दिक्कतों को दूर करने के लिए इमरजेंसी से सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के बीच ब्रिज बनाया जाएगा. इसकी कवायद अस्पताल प्रशासन ने तेज कर दी है.
बलरामपुर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच को लेकर मरीजों का इंतजार कम होगा. जल्द ही अस्पताल में एक और अल्ट्रासाउंड मशीन आएगी. कन्नौज जिला अस्पताल से अल्ट्रासाउंड मशीन आएगी. अभी बलरामपुर अस्पताल में दो मशीनें हैं. इनमें से एक मशीन ठीक से काम नहीं कर रही है. मरीजों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. वर्तमान में यहां करीब एक से डेढ़ महीने की वेटिंग रहती है. ऐसे में दूसरी अल्ट्रासाउंड मशीन आने से मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.