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परिवहन निगम की अनुबंध योजना को लग रहे पंख, अब लंबी दूरी के लिए यात्रियों को मिलेंगी लग्जरी बसें

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) ने प्राइवेट ऑपरेटरों के लिए अनुबंध योजना लांच की है. अभी तक इस योजना में प्राइवेट ऑपरेटर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे, लेकिन कई तरह की छूट मिलने के बाद अब इस योजना को पंख लगने लगे हैं. उत्तर प्रदेश में अनुबंध योजना की बात करें तो अब तक 155 बसों का अनुबंध हो चुका है, जिनमें वातानुकूलित मिड सेगमेंट, स्लीपर, कुर्सी यान और हाई एंड वातानुकूलित बसें शामिल हैं.

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Published : Nov 29, 2022, 8:32 PM IST

Updated : Nov 29, 2022, 9:02 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) ने प्राइवेट ऑपरेटरों के लिए अनुबंध योजना लांच की है. अभी तक इस योजना में प्राइवेट ऑपरेटर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे, लेकिन कई तरह की छूट मिलने के बाद अब इस योजना को पंख लगने लगे हैं. उत्तर प्रदेश में अनुबंध योजना की बात करें तो अब तक 155 बसों का अनुबंध हो चुका है, जिनमें वातानुकूलित मिड सेगमेंट, स्लीपर, कुर्सी यान और हाई एंड वातानुकूलित बसें शामिल हैं. वातानुकूलित मिड सेगमेंट की नौ, चार स्लीपर बस, एक कुर्सी और शयनयान के लिए प्राइवेट बस मालिकों ने अनुबंध किया है. लखनऊ रीजन के रीजनल मैनेजर मनोज कुमार पुंडीर बताते हैं कि नियमों में परिवर्तन करने के बाद अब लोग अनुबंध करा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के लोगों को बसों में बेहतर सुविधा मिले इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने नवीन अनुबंध योजना लागू की है. पहले अनुबंध योजना में प्राइवेट बस ऑपरेटर परिवहन निगम के साथ अनुबंध करने से कतराते थे, क्योंकि अनुबंध की नियम और शर्तें अनुकूल नहीं होती थीं. अब शर्तों में नवीन अनुबंध योजना के तहत छूट दी गई है, जिसके बाद प्राइवेट बस ऑपरेटर रोडवेज के साथ अनुबंध करने से नहीं कतरा रहे हैं. प्राइवेट बसों के रोडवेज के साथ अनुबंध कराने से आने वाले दिनों में परिवहन निगम की फ्लीट में सुपर लग्जरी बसें शामिल हो जाएंगी. जिसके बाद यात्री अपनी मनपसंद बस में यात्रा कर सकेंगे. परिवहन निगम में अनुबंधित बसों की बात करें तो अभी तक कुल 2331 बसें पर संचालित होती हैं, जबकि परिवहन निगम ने अनुबंधन का लक्ष्य 5000 बसों का रखा है. गाजियाबाद क्षेत्र में 300 बसें, मेरठ क्षेत्र में 300 बसें, बरेली क्षेत्र में 300 बसें, हरदोई क्षेत्र में 150 बसें, आगरा क्षेत्र मे 300 बसें, अलीगढ़ क्षेत्र में 300 बसें, इटावा क्षेत्र में 250 बसें, देवीपाटन क्षेत्र में 150 बसें, कानपुर क्षेत्र में 250 बसें, लखनऊ क्षेत्र में 150 बसें, गोरखपुर क्षेत्र में 250 बसें, बनारस क्षेत्र में 300 बसें, अयोध्या छेत्र में 150 बसें, प्रयागराज क्षेत्र में 250 बसें, आजमगढ़ क्षेत्र में 250 बसें और नोएडा क्षेत्र में 100 बसों के साथ अनुबंध करने का लक्ष्य है.


नवंबर माह में अनुबंध होने वाली बसों की बात करें तो वातानुकूलित मिड सेगमेंट की नौ बसें, वातानुकूलित शयनयान की चार बसें, कुर्सी शयनयान की एक बस का अनुबंध हो चुका है. कुल मिलाकर 155 बसों का अनुबंध हो चुका है. इन बसों में लग्जरी बसें शामिल हैं. इनमें वॉल्वो, वातानुकूलित शयनयान और चेयर एसी बसें शामिल हैं. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि रोडवेज के साथ जब अनुबंधित लग्जरी बसों की फ्लीट शामिल हो जाएगी तो इन बसों को लखनऊ, बनारस, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, बलिया समेत देश के अन्य राज्यों के बीच संचालित कराया जाएगा.



परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर (Principal Manager Manoj Kumar Pundir) बताते हैं कि नवीन अनुबंधित बसों की शर्तों में कुछ छूट दी गई है, जिसके बाद अब परिवहन निगम के साथ बस ऑपरेटर अपनी बसों का अनुबंध करा रहे हैं. आने वाले दिनों में लग्जरी बसें भी फ्लीट में शामिल होंगी, जिससे यात्रियों को सफर में काफी सुविधा मिलेगी.

एमडी से शिकायत :लखनऊ परिक्षेत्र के चार दर्जन से ज्यादा चालकों और परिचालकों ने गोरखपुर के परिवहन निगम अधिकारियों पर बस में सवारियां नहीं बैठने देने का आरोप लगाते हुए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक से शिकायत की है. शिकायती पत्र में कहा गया है कि गोरखपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अपने परिक्षेत्र की बसों को खड़ी कर सवारियां बिठाते हैं, लेकिन, जब लखनऊ क्षेत्र का नंबर आता है तो यहां की बसों को खड़ी ही नहीं होने देते हैं. डंडा लेकर खड़े हो जाते हैं. चालक परिचालकों ने एमडी से शिकायत कर मामले में हस्तक्षेप किए जाने की मांग की है.

लखनऊ रीजन के चालक प्रदीप पांडेय, रामेंद्र कुमार, सुनील कुमार सोनी समेत कई शिकायतकर्ताओं का कहना है कि गोरखपुर में चारबाग, कैसरबाग और हैदरगढ़ डिपो की बसों की समय सारिणी दोपहर दो से शाम पांच बजे तक और रात आठ से सुबह छह बजे तक होती है. इस समय पर जब हम बस लगाते हैं तो हमें खड़े नहीं होने दिया जाता है, साथ ही बस स्टेशन के अंदर अनुबंधित बसों को खड़ा करा देते हैं. रोड पर अपने क्षेत्र की बसों को रुकवाकर सवारी भरवाते हैं. उन्होंने बताया कि नियमानुसार 50 फीसदी से कम लोड फैक्टर लाने पर चालक और कंडक्टर की सैलरी काट ली जाती है. समस्या का समाधान होना चाहिए. परिवहन निगम के लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर ने बताया कि इस तरह की शिकायत सामने आई हैं. इस मामले पर संबंधित अधिकारियों से बात की गई है. अब समस्या का समाधान हो गया है. लखनऊ रीजन के चालक परिचालकों को गोरखपुर बस अड्डे पर कोई दिक्कत नहीं होगी.


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Last Updated : Nov 29, 2022, 9:02 PM IST

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