लखनऊ:राजधानी में इटौंजा के पास सोमवार को हुए ट्रैक्टर-ट्राली के हादसे में बड़ी लापरवाही सामने आई है. कृषि कार्य के लिए पंजीकृत ट्राली पर व्यवसायिक कार्य किया जा रहा था. ट्रैक्टर मालिक ट्राली में सवारियों को बैठाकर धार्मिक स्थल पहुंचा रहा था है जोकि उसकी लापरवाही है, क्योंकि कृषि कार्य से जुड़े सामान ढोने की क्षमता रखने वाले ट्रैक्टर-ट्राली पर यात्री बैठाने से ट्रैक्टर को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है. यही वजह है कि ट्राली पर सवार 45 से ज्यादा यात्रियों को पीछे से ट्रक ने टक्कर मारी तो ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर तलाब में पलट गया.
लखनऊ हादसे में लापरवाही का खुलासा, व्यवसायिक कार्य के लिए हो रहा था ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग - सड़क हादसे में 10 श्रद्धालुओं की मौत
लखनऊ ट्रैक्टर-ट्राली हादसे में बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां कृषि कार्य के लिए पंजीकृत ट्राली पर व्यवसायिक कार्य किया जा रहा था. कृषि कार्य से जुड़े सामान ढोने की क्षमता रखने वाले ट्रैक्टर-ट्राली पर यात्री बैठाने से ट्रैक्टर को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है.
डीसीएम और डीएम के बाद खुली आरटीओ की आंखें
इटौंजा की हृदय विदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. यहां तक की उत्तर प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम और लखनऊ के डीएम भी इस घटना के जानकारी में आते ही मौके पर भागे, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी डिप्टी सीएम और डीएम के पहुंचने के बाद जागे. लापरवाही का अंदाजा इस बात से भी लग जाता है कि लखनऊ परिक्षेत्र के उप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद ने जब लखनऊ के आरटीओ प्रवर्तन संदीप पंकज से घटना की जानकारी मांगी तो उन्हें कोई जानकारी ही नहीं थी. इससे नाराज डीटीसी ने कड़े शब्दों में निर्देशित किया कि घटना स्थल पर तत्काल जाएं और हरसंभव मदद करें. तब जाकर आरटीओ प्रवर्तन संदीप पंकज, एआरटीओ प्रवर्तन अमित राजन राय के साथ परिवहन विभाग के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे.
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