लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम यात्रियों से सुविधा शुल्क के नाम पर पैसा तो वसूल करता है, लेकिन जब सुविधाएं देने की नौबत आती है तो पीछे हट जाता है. बस स्टेशनों पर सुविधाओं की जगह असुविधाओं की भरमार है. आलम यह है कि यात्रियों को बस स्टेशन पर प्रचंड गर्मी में न तो ठंडा पानी मिल पा रहा है न ही ठंडी हवा. पीने के पानी और टॉयलेट के नाम पर यात्रियों को लूटा जा रहा है. प्रदेश के पहले एसी बस स्टेशन कैसरबाग की यह दुर्दशा है. "ईटीवी भारत" ने जब गर्मी में कैसरबाग बस स्टेशन पर यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं को परखा तो परिवहन निगम के तमाम वादों की पोल खुल गई, हालांकि लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक का तर्क है कि बस स्टेशन पर सब कुछ बेहतर है.
राजधानी का कैसरबाग बस स्टेशन अब सिर्फ कागजों पर बचा एसी बस स्टेशन : करोड़ों की लागत से लखनऊ के कैसरबाग बस स्टेशन का निर्माण सात साल पहले प्रदेश के पहले एसी बस स्टेशन के रूप में कराया गया था, लेकिन अब आलम यह है कि कैसरबाग बस स्टेशन सिर्फ कागजों पर एसी बस स्टेशन रह गया है. एसी से इसका फिलहाल दूर तक कोई बस्ता नहीं बचा है. गर्मी में बसों के इंतजार में इस बस स्टेशन पर यात्री पंखे में समय काट रहे हैं. पसीना बहाते हुए उन्हें अपनी बस की प्रतीक्षा करनी पड़ रही है. एसी चले भी तो कैसे जब ऑटोमेटिक दरवाजों के सेंसर ही खराब हो गए हैं. शीशे के कई गेट पिछले कई महीनों से टूटे पड़े हैं. सीलिंग भी क्षतिग्रस्त हो गई है. इस तरह इस एसी बस स्टेशन के एसी प्लांट का काम तमाम है.
राजधानी का कैसरबाग बस स्टेशन पैसा चुकाकर मिल रहा ठंडा पानी :अब आते हैं परिवहन निगम के उन वादों की ओर जो सुविधाओं के नाम पर यात्रियों से शुल्क वसूल किए जाते हैं. गर्मी में कैसरबाग बस स्टेशन पर यात्री अगर अपने गले की प्यास बुझाने के लिए ठंडा पानी पीना चाहे तो उन्हें यह सुविधा नहीं मिल रही. यहां पर लगे वाटर कूलर में पानी तो आता है, लेकिन सुबह के समय नॉर्मल और दोपहर में खौलता हुआ. मजबूरन यात्री बगल में लगे वाटर एटीएम से पैसे का भुगतान कर ठंडा पानी खरीदने को मजबूर होते हैं. यहां पर उन्हें ₹दो में एक लीटर पानी मिलता है. इतना ही नहीं रोडवेज के चालक परिचालक भी जब पैसा चुकाते हैं तभी ठंडा पानी पी पाते हैं. कुल मिलाकर गर्मी में भी यात्रियों को इस स्टेशन पर न ठंडी हवा मिल रही है और न हो ठंडा पानी. जब यात्रियों से पैसा चुकाकर पानी मिलने को लेकर सवाल किया गया तो उनका कहना है कि पैसा खर्च ही करना पड़ेगा, क्योंकि बस स्टेशन पर तो ठंडा पानी है ही नहीं. वाटर कूलर लगा है, इससे गर्म पानी आता है. परिवहन निगम की तरफ से, न ठंडा पानी मिल रहा है और न ही ठंडी हवा.
राजधानी का कैसरबाग बस स्टेशन टॉयलेट मुफ्त फिर भी महिलाओं से ₹5 की वसूली :कैसरबाग बस स्टेशन पर प्राइवेट ठेकेदार को शौचालय का ठेका दिया गया है. यहां पर साफ-साफ लिखा हुआ है कि शौचालय का रेट ₹5 और मूत्रालय नि:शुल्क है, बावजूद इसके यहां पर बैठे कर्मचारी बिना किसी डर के महिला यात्रियों से मूत्रालय के लिए भी ₹5 की वसूली कर रहे हैं. "ईटीवी भारत" ने जिस महिला से कर्मचारी ने टॉयलेट के नाम पर ₹5 वसूले उससे सवाल किया तो गोलमोल जवाब देने लगा, आखिर में जब लगा कि नुकसान हो जाएगा तो महिला यात्री को बुलाकर ₹5 वापस कर दिया. यही खेल बस स्टेशन पर चल रहा है. अब सवाल यह है कि क्या यहां के अधिकारियों को इसके बारे में खबर नहीं है?
शोपीस बने एलईडी स्क्रीन :कैसरबाग बस स्टेशन पर बसों का इंतजार कर रहे यात्रियों की सुविधा के लिए कई एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं, लेकिन ये सब सिर्फ शोपीस साबित हो रहे हैं. सभी एलईडी बंद पड़े हैं. इन पर कोई समयसारिणी प्रदर्शित ही नहीं हो रही है. ऐसे में यात्रियों को अपनी बस कितनी देर में आएगी या कितनी देर में जाएगी, इसकी पूछताछ करने के लिए बार-बार काउंटर पर जाना पड़ रहा है.
लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर का कहना है कि 'बस स्टेशन पर एक बड़ी क्षमता का वाटर कूलर और एक वाटर एटीएम कार्यशील है. एसी सुचारू है. एलईडी ठीक करानी है. पांचों टॉयलेट भुगतान आधारित सुविधा है, न कि नि:शुल्क है.'
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