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Education Department : 15 फ़ीसदी शुल्क वापसी के लिए अभिभावकों को करनी होगी अपील, आदेश जारी - निजी स्कूलों को आदेश

बीते दिनों हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए निजी स्कूलों को आदेश दिया था (Education Department) कि कोरोना काल में कुल फीस का 15 फीसदी अभिभावकों को लौटाना होगा. साथ ही इसको आगे के सेशन में एडजस्ट करना होगा.

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Published : Mar 6, 2023, 7:39 PM IST

लखनऊ : सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला अधिकारियों, संयुक्त शिक्षा निदेशक व शिक्षा निदेशक माध्यमिक को इस संबंध में आदेश जारी कर अगले सत्र से फीस समायोजन कराने का निर्देश बीते 16 फरवरी को दिया था. इस आदेश के बाद जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने आदेश जारी किया है. उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि 'सभी स्ववित्तपोषित विद्यालय कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए फीस वापसी करें. उन्होंने आदेश में कहा है कि अगर इसके बाद भी कोई स्कूल फीस वापसी करने में आनाकानी करता है तो अभिभावकों को इसके खिलाफ मंडलीय स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील करना होगा. प्राधिकरण इन्हीं अपील पर फीस वापसी का निर्णय लेगा.

जारी आदेश

ज्ञात हो कि 6 जनवरी 2023 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका संख्या 576/2020 आदर्श भूषण बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य के पारित आदेश पर कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा ली गई फीस में से 15 प्रतिशत फीस अगले सत्र में समायोजित कराने के निर्देश दिए थे. इस आदेश के क्रम में सभी जिलाधिकारियों, जिला विद्यालय निरीक्षकों, शिक्षा निदेशक व संयुक्त शिक्षा निदेशकों को अभिभावकों की ओर से प्राप्त शिकायतों के आधार पर उसका मंडलीय स्तर पर निस्तारण कराने का आदेश दिया है.

उच्च न्यायालय ने 6 जनवरी 2023 को दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि 'शैक्षणिक सत्र 2023-24 में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों की कोरोना काल में ली गई फीस का 15% फीस समायोजित कराया जाए. याचिकाकर्ता आदेश भूषण की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लगे लॉकडाउन के कारण उत्पन्न आपात स्थितियों के कारण सभी बोर्ड के स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए शुल्क वृद्धि न की जाए तथा शैक्षणिक सत्र 2019-20 में नए प्रवेश तथा प्रत्येक कक्षा के लिए लागू शुल्क के अनुसार ही शैक्षणिक सत्र 2020-21 के छात्र-छात्राओं से शुल्क लिया जाए. यदि किसी विद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शुल्क वृद्धि करते हुए बढ़ी हुई दरों से फीस ली जा चुकी है तो अतिरिक्त शुल्क को आगामी महीनों के शुल्क में समायोजित किया जाए.'


जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि 'इस आदेश की कड़ाई से सभी स्ववित्तपोषित विद्यालयों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य को निर्देशित किया जाता है कि वह उच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेश के अनुसार उसका पालन करें. साथ ही जिन अभिभावकों को अधिनियम की धारा 8 (11) के अंतर्गत छूट का लाभ नहीं मिला है तो वह मंडल स्तर पर गठित स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अपीलीय प्राधिकरण के सामने अपील प्रस्तुत करें.

यह भी पढ़ें : Allahabad High Court Decision: कोरोना काल में वसूली गई फीस का 15% प्राइवेट स्कूलों को लौटाना होगा

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