लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण पूरा होने पर नए सिरे से आरक्षण तय किया जा सकता है. प्रदेश के पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने ईटीवी भारत से हुई खास बातचीत में ऐसे संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि 15 मार्च से सात अप्रैल के बीच पंचायत चुनाव हो सकते हैं.
पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने दिए इन सवालों के जवाब
प्रश्न- प्रदेश में पंचायत चुनाव होने वाले हैं. कैसी तैयारी है आपकी?
उत्तर- कोरोना महामारी को लेकर चुनाव में थोड़ा देरी हुई है. कोरोना से लड़ाई में पंचायतीराज विभाग ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में काफी काम किया है. चुनावों को लेकर थोड़ा देर जरूर हुई है, लेकिन अब हम पूरी ताकत से जुटे हुए हैं. ग्राम सभाओं का पुनर्गठन किया जा चुका है. अब वार्डों का परिसीमन चल रहा है. पिछली बार चार जिलों का परिसीमन नहीं हो सका था. इस बार उन जिलों का पूर्ण परिसीमन किया जाना है. लगभग 59 जिलों में आंशिक परिसीमन होना है. छह जनवरी तक 24 जिलों का परिसीमन प्रकाशित हो जाएगा. शेष 39 जिलों का 14 तारीख तक परिसीमन प्रकाशित हो जाएगा. 16 तारीख तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
प्रश्न- पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया कब तक पूरी होगी?
उत्तर-जिस तरह की हमारी तैयारी है, उसे देखकर लगता है कि 15 फरवरी तक आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. दो-तीन चरणों में आरक्षण का कार्य होना है.
प्रश्न- ऐसा कहा जा रहा है कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं, वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. शैक्षिक योग्यता का भी मानक बनाया जा रहा है. इस पर आप का क्या कहना है.
उत्तर- कुछ राज्यों में ऐसी व्यवस्था है. कई जगह इसे लेकर कानून भी बने हैं. यह पूरा मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में है और जो भी राज्य के हित में होगा वह निर्णय हम जरूर करेंगे.
प्रश्न-क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों के अध्यक्षों का चुनाव सदस्यों द्वारा किया जाता है. इसमें कई बार खरीद-फरोख्त के मामले भी सामने आए हैं. इसे लेकर मांग उठी थी कि क्यों न अध्यक्षों के चुनाव भी सीधे कराए जाएं. आप क्या सोचते हैं?
उत्तर- सरकार ने प्रयास किया था. मुख्यमंत्री जी चाहते थे कि यह व्यवस्था लागू हो. इसके लिए भारत सरकार से पत्राचार भी किया गया था, लेकिन संविधान का 73वां संशोधन संसद से ही पारित है, जिसके कारण यह सुविधा हुई है, लेकिर हम इस बात को लेकर संकल्पित हैं कि पूरी पारिदर्शित के साथ चुनाव संपन्न कराए जाएं. ऐसी कोई शिकायत न आए हम लोग इसके लिए प्रयास कर रहे हैं.