लखनऊ : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) और आईएसआईएस एक ही प्लान में चल रहे हैं. भारत के युवाओं के देश के खिलाफ खड़ा करना और उनसे भारतीय सुरक्षा एजंसियों की जासूसी करवाने के लिए आईएसआई और आईएसआईएस भारत के ऐसे लोगों को अपना मोहरा बना रहा है, जो ऑटो चला रहे है, वेल्डिंग व कबाड़ी की दुकान चला रहे हैं. इतना ही नहीं आतंकी एजेंसियां माली, नाई और मोची तक को अपना एजेंट बना रही है. इसके लिए बकायदा आईएसआई भारत में मौजूद अपने एजेंट के द्वारा फंडिंग भी करवा रही है.
ऑटो चालक, वेल्डर व कारपेंटर को टारगेट कर रही ISI :यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों पंजाब से गिरफ्तार हुए आईएसआई एजेंट अमृत गिल व उसे फंडिंग करने वाले रियाजउद्दीन की पूछताछ के बाद कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. यूपी एटीएस की जांच के आधार पर अब तक सामने आ रहा था कि आईएसआई, आईएसआईएस और पीएफआई अपना मॉड्यूल बनाने के लिए पढ़े लिखे युवाओं की भर्ती कर रहा है, लेकिन अमृत गिल व रियाजुउद्दीन से पूछताछ के बाद सामने आया है कि रियाजुद्दीन को पाकिस्तान से मिले 70 लाख रुपये ऐसे लोगों पर खर्च किए जा रहे थे जो ऑटो चालक, वेल्डिंग करने वाले, कारपेंटर, माली और मोची का काम करते हैं.