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कोरोना की तीसरी लहर से सावधान, UP के अस्पतालों में अनलिमिटेड ऑक्सीजन का प्लान!

देश में कोरोना की तीसरी लहर के बीच यूपी में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ऐसे में दूसरी लहर में लड़खड़ाई ऑक्सीजन व्यवस्था को इस बार दुरुस्त करने का दावा किया जा रहा है. जहां अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट (एलएमओ) व ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाए गए हैं.

अस्पताल.
अस्पताल.

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Published : Jan 8, 2022, 8:40 AM IST

लखनऊ:देश में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है. यूपी में भी मरीजों की तादाद बढ़ रही है. ऐसे में चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग अलर्ट है. वहीं, दूसरी लहर में लड़खड़ाई ऑक्सीजन व्यवस्था को इस बार दुरुस्त करने का दावा किया जा रहा है. इसके लिए अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट (एलएमओ) व ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाए गए हैं. खास बात यह है कि ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट हवा से ऑक्सीजन तैयार कर तत्काल मरीजों को आपूर्ति करने में सक्षम हैं.

551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू, 30 हजार ऑक्सीजन कन्संट्रेटर

डीजी हेल्थ डॉ. वेदव्रत सिंह के मुताबिक अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए. इसमें 525 ऑक्सीजन जनरेटर हैं जोकि 30 से लेकर 90 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन हवा से तैयार करते हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं, 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. इनमें 3,459 बेडों पर वेंटिलेटर लगाए गए हैं. साथ ही 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए. यह मशीन एक बेड पर एक होगी. यह भी हवा से ऑक्सीजन तैयार करती है.

मेडिकल कॉलेजों में लिक्विड प्लांट
संयुक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एनसी प्रजापति के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों में कोरोना मरीजों के लिए 23 हजार बेड हैं. सरकारी व निजी कॉलेजों में 75 ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लग गए हैं. सरकारी में 16 लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लग गए हैं.

बच्चों के लिए पीआईसीयू तैयार
सभी जिलों में 4 से 5 जनवरी मॉक ड्रिल अस्पतालों में करके व्यवस्था परखी गई. पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू), नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट
(एनआईसीयू) के उपकरण जांचे गए. राजधानी के केजीएमयू में 100 बेड, लोहिया संस्थान में 100 बेड का पीआईसीयू तैयार हो गया है. वहीं, पीजीआई में भी 100 बेड तैयार हो गए हैं. इसके अलावा सिविल अस्पताल में 30 बेड, लोकबंधु अस्पताल में 30 बेड का पीआईसीयू बनकर तैयार हो गया है.

कहां-कितने होंगे बच्चों के बेड ?
हर जिले की 4 सीएचसी पर बच्चों के भर्ती की व्यवस्था होगी. यहां 10-10 बेड आरक्षित किए गए हैं. इसी तरह जिला अस्पतालों में 40 बेड और मंडल मुख्यालय पर 80 बेड गंभीर बच्चों की भर्ती की व्यवस्था है. वहीं, मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड बच्चों के लिए हैं. इसमें से 50 फीसद बेड एचडीयू-आईसीयू वाले होंगे. इन पर वेंटीलेटर, बाईपैप, एचएफएनसी जैसे जीवन रक्षक उपकरण हैं. बच्चों के इलाज के लिए कुल 6700 बेड तैयार हैं.


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