लखनऊःयूपी के विधानसभा चुनाव में एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक विजय दर्ज की है. वहीं समाजवादी पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव में मिली सीटों से अधिक सीटें पाने में भी सफलता हासिल की है. भले ही सत्ता की सियासी कुर्सी पर काबिज होने का अखिलेश का सपना अधूरा रह गया हो, लेकिन यूपी के विधानसभा चुनाव में छोटे दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी कोई चमत्कार नहीं कर पाये.
भले ही सत्ता की सियासी कुर्सी पर काबिज होने का अखिलेश यादव का सपना अधूरा रह गया हो. लेकिन उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में छोटे दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी कोई चमत्कार नहीं कर पाये. विधानसभा चुनाव में ओवैसी आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के साथ चुनाव मैदान में उतरे थे.
इस गठबंधन में बीएसपी सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, वामन मेश्राम के भारत मुक्ति मोर्चा शामिल रहा. ओवैसी ने यूपी में 99 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन किसी एक सीट पर भी प्रत्याशी जीतने में सफल नहीं हो पाया.