लखनऊ : गांवों के समग्र विकास को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय ने ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया. इसमें शामिल होने पहुंचे पंचायती राज्य मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि एक धारणा है कि ग्राम प्रधान एक विशेष वर्ग तक विकास को सीमित रखते हैं. जिस जाति या विशेष वर्ग के लोगों ने उन्हें वोट दिया, उन्हीं के क्षेत्रों में विकास होता है. उन्होंने नए प्रधानों से इस सोच को बदलने की अपील की. कहां की गांव के विकास के लिए जो योजनाएं बनती हैं, उनका क्रियान्वयन प्रधानों को स्थानों पर ही करना होता है. उन सभी योजनाओं का लाभ हर वर्ग के व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए.
दरअसल, पंचायती राज्य मंत्री शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग में स्थापित अटल सुशासन पीठ की ओर से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में चिनहट की 8 ग्राम पंचायतों के प्रधान और पंचायत सचिवों को आमंत्रित किया गया था. पंचायती राज्य मंत्री ने बताया कि सितंबर माह में 15 वे वित्त आयोग के माध्यम से प्रदेश के सभी नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर राकेश चंद्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए.
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कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर एवं सरस्वती वंदना से हुआ. लोक प्रशासन विभाग की छात्र छात्राओं की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर अमित कुमार पांडे, डॉ श्रद्धा चंद्रा, डॉक्टर वैशाली सक्सेना, उत्कर्ष मिश्रा के साथ बड़ी संख्या में छात्र छात्रा भी उपस्थित रहे.