लखनऊः ऑनलाइन प्रमाण पत्र देने की जिम्मेदारी न लेने की वजह से आवास विकास परिषद स्तर पर ऑनलाइन पास होने वाले नक्शे की व्यवस्था में कुछ फेरबदल करने के आदेश दिए गए हैं. सामान्य ऑफलाइन व्यवस्था के अनुसार स्थलीय निरीक्षण के बाद ही नक्शा पास कराने की प्रक्रिया पूरी होगी.
आवास आयुक्त ने दिए आदेश
आवास आयुक्त अजय चौहान ने इस व्यवस्था को लागू करने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक अनूप श्रीवास्तव ने सभी विकास प्राधिकरण और अन्य संबंधित विभागों को इसको लेकर आदेश भेज दिए हैं. जारी आदेश में कहा गया है कि मानचित्र पास कराने के लिए पोर्टल में जरूरी व्यवस्था भी बदली गई है.
मानचित्र से संबंधित दस्तावेज भी देने होंगे
स्वतः स्वीकृत मानचित्र की सभी प्रतियां उससे संबंधित सभी अभिलेख पोर्टल द्वारा अभिकरण को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. जिससे प्रभावी व्यवस्था के अनुरूप जांच कराई जा सके. ऐसी स्थिति में स्वतः स्वीकृत मानचित्र में निर्धारित शुल्क की गणना आर्किटेक्ट या इंजीनियर द्वारा प्राप्त प्रभावी शुल्क की दरों के अनुसार स्वयं की जाएगी. अभिकरण द्वारा ऐसे मानचित्रों का परीक्षण भी स्थलीय स्तर पर कराया जाएगा.
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मुख्य नगर नियोजक ने जारी किया आदेश
मुख्य नगर नियोजक की ओर से जारी आदेश में ये भी कहा गया है कि शासकीय भवनों के निर्माण से पहले प्राप्त की जाने वाली एनओसी को बिल्डिंग प्लॉन अप्रूवल सिस्टम से प्रस्तुत किए जाने की ऑनलाइन व्यवस्था भी प्रभावी की गई है. सरकारी भवनों के मानचित्र विभागों के ऑनलाइन जमा करने पर इसके ऑटोमेटिक स्कूटनी के बाद स्क्रुटनी सर्वर द्वारा मानचित्र में तकनीकी कमी को चिन्हित करते हुए संबंधित विभागों को भेजे जाएं. इसके बाद उस पर फैसला किया जाएगा. इसी आधार पर मानचित्र स्वीकृत किया जाएगा.