उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

भूखण्ड आवंटन मामला: LDA के प्रभारी सचिव को गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश - order to arrest lda secretary in charge

यूपी की राजधानी लखनऊ में आवंटी महबूब अली को भूखण्ड न देने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने एलडीए के प्रभारी सचिव अनिल भटनागर को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण.
लखनऊ विकास प्राधिकरण.

By

Published : Oct 1, 2020, 2:40 AM IST

लखनऊ: आवंटी महबूब अली को भूखण्ड न देने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने बुधवार को कड़ा आदेश सुनाया है. फोरम ने एलडीए के प्रभारी सचिव अनिल भटनागर को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. आदेश में लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय को सचिव को गिरफ्तार कर 13 अक्टूबर को फोरम में पेश करने का निर्देश दिया गया है.

इससे पहले 29 सितम्बर को फोरम ने अपने आदेश में एलडीए उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी की भी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे, लेकिन 30 सितंबर को नया आदेश जारी किया गया. इसमें उपाध्यक्ष का नाम हटा दिया गया है.

एलडीए की प्रियदर्शनी कॉलोनी के एक आवंटी महबूब अली ने उपभोक्ता फोरम में 2005 में वाद दायर किया था. उनका कहना था कि प्राधिकरण उन्हें भूखंड नहीं दे रहा है. फोरम ने कई बार सुनवाई की, उन्हें भूखंड देने का आदेश भी किया था. अपने आदेश में लिखा है कि 27 अप्रैल 2018 को एलडीए के अधिवक्ता ने आवेदन पत्र दिया था कि जुलाई 2018 तक आदेश का अनुपालन हो जाएगा. मगर वह केवल आश्वासन ही देते रहे.

फोरम के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ में वाद भी दायर किया. करीब 2 वर्ष 5 माह बीतने के बाद आदेश का अनुपालन नहीं हुआ. फोरम ने 15 वर्षों से मामला लंबित होने पर नाराजगी जताई और अपने आदेश में कहा है कि एक न एक बहाना कर एलडीए समय लेता रहा. लेकिन उपभोक्ता फोरम के आदेश का पालन नहीं किया. अब उनसे यह उम्मीद करना कि वह आदेश का पालन कर देंगे विश्वसनीय नहीं है.

उपभोक्ता फोरम का दो आदेश सामने आए हैं. पहला आदेश 29 सितंबर को जारी हुआ है. इस में एलडीए उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी तथा प्रभारी सचिव अनिल भटनागर दोनों लोगों के नाम हैं. इसमें पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे को दोनों लोगों को गिरफ्तार कर 13 अक्टूबर 2020 को फोरम में पेश करने का निर्देश है. जब कि 30 सितंबर को जो आदेश जारी किया गया है. उसमें केवल अनिल भटनागर का ही नाम है. इसकी जानकारी होने पर संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि मामला काफी दिनों से विवादित है. उच्च न्यायालय में भी मामला चल रहा है. उपभोक्ता फोरम के नए आदेश में उपाध्यक्ष का नाम नहीं है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details