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लखनऊ: NABH और NON NABH अस्पतालों में कोरोना इलाज की दर तय - uttar pradesh news in hindi

उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले एनबीएच प्राप्त अस्पतालों और नॉन एनएबीएच अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज की दर तय की गई है. इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक आदेश भी पारित किया गया है.

NABH और NON NABH अस्पतालों में कोरोना इलाज की दर तय
NABH और NON NABH अस्पतालों में कोरोना इलाज की दर तय

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Published : Aug 30, 2020, 4:29 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का कहर बदस्तूर जारी है. प्रदेश में बड़ी संख्या में रोजाना मरीज कोरोनावायरस की चपेट में आ रहे हैं. इस संबंध में शासन ने निजी चिकित्सालयों में कोविड-19 के इलाज के संबंध में एक आदेश जारी किया है. इस आदेश के मुताबिक एनबीएच प्राप्त अस्पतालों और नॉन एनएबीएच अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के दर तय की गई है. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि सरकारी अस्पतालों में बेड कम पड़ते हैं, तो आयुष्मान भारत के तहत आने वाले इलाज की दर पर निजी अस्पतालों से बेड लिए जाएंगे.

एनएबीएच प्राप्त अस्पतालों और नॉन एनएबीएच अस्पतालों के लिए कोविड-19 के इलाज की दर पहले भी तय की जा चुकी है, लेकिन शनिवार को जारी किए गए आदेश में दोबारा इसे बताया गया है. इस आदेश में कहा गया है कि ए श्रेणी के नगरों में सुपर स्पेशलिटी की सुविधा वाले अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल के रूप में बदलने पर एनएबीएच के अस्पताल आइसोलेशन बेड से लेकर आईसीयू तक के 10,000 से 18,000 रुपये तक ले सकते हैं. इसके अलावा नॉन एनएबीएच अस्पताल कोविड-19 के इलाज के लिए किसी भी मरीज से 8,000 से लेकर 15,000 रुपये तक ही चार्ज कर सकते हैं. इसके अलावा प्रदेश के बी और सी श्रेणी के नगरों में आने वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में यह शुल्क 80% और 60% तक लिया जा सकेगा.

कोरोना इलाज की दर के संबंध में जारी आदेश.
कोरोना इलाज की दर के संबंध में जारी आदेश.

इस आदेश के मुताबिक ए श्रेणी में कानपुर, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, मेरठ, गौतम बुध नगर और गाजियाबाद के नगर शामिल हो रहे हैं. वहीं श्रेणी बी में मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, मथुरा, रामपुर, मिर्जापुर, शाहजहांपुर, अयोध्या, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर और फर्रुखाबाद नगर शामिल हो रहे हैं. बचे हुए सभी जिले श्रेणी सी में शामिल होंगे.

शासन की ओर से जारी किए गए आदेश में यह कहा गया है कि निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत की दर पर मरीजों के इलाज की धनराशि सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है, लेकिन वहां पर बेड का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है. वहीं दूसरे जनपदों में क्रिटिकल केयर के लिए बेड की काफी कमी देखने को मिल रही है. इसी वजह से क्रिटिकल केयर के लिए जिलों में L2 और L3 लेवल के अस्पतालों में बेड की कमी होने की दशा में प्राइवेट अस्पतालों के 50% तक के बेड पर जिला प्रशासन या सीएमओ द्वारा आयुष्मान भारत के दर पर उपलब्ध करवाए जाएंगे.

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