लखनऊ : सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला अधिकारियों, संयुक्त शिक्षा निदेशक व शिक्षा निदेशक माध्यमिक इस संबंध में आदेश जारी कर अगले सत्र से फीस समायोजन कराने का निर्देश दिया है. इस संबंध में विशेष सचिव डॉ रूपेश कुमार ने निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने निर्देश में कहा है कि 6 जनवरी 2023 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका संख्या 576/2020 आदर्श भूषण बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य के पारित आदेश में कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा ली गई फीस में से 15 प्रतिशत फीस अगले सत्र में समायोजित कराने के निर्देश दिए थे. इस आदेश के क्रम में सभी जिलाधिकारियों, जिला विद्यालय निरीक्षक, शिक्षा निदेशक व संयुक्त शिक्षा निदेशकों को अभिभावकों की ओर से प्राप्त शिकायतों के आधार पर उसका मंडलीय स्तर पर निस्तारण कराने का आदेश दिया है.
उच्च न्यायालय ने 6 जनवरी 2023 को दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों के कुल फीस में करोना काल में लिए गए फीस का 15% फीस समायोजित कराया जाए. याचिकाकर्ता आदेश भूषण की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लगे लॉकडाउन के कारण उत्पन्न आपात स्थितियों के कारण सभी बोर्ड के स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए शुल्क वृद्धि न की जाए तथा शैक्षणिक सत्र 2019-20 में नए प्रवेश तथा प्रत्येक कक्षा के लिए लागू शुल्क के अनुसार ही शैक्षणिक सत्र 2020-21 के छात्र छात्राओं से शुल्क लिया जाए. यदि किसी विद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शुल्क वृद्धि करते हुए बढ़ी हुई दरों से फीस ली जा चुकी है तो बढ़े हुए अतिरिक्त शुल्क को आगामी महीनों के शुल्क में समायोजित किया जाए.