लखनऊ : मुंह में कैंसर होने के कई कारण हैं. जो व्यक्ति तंबाकू, सिगरेट, सुपारी का सेवन करता है, उसे तो मुंह का कैंसर होता ही है, लेकिन मुंह में कुछ ऐसे दांत हैं जो मसूड़े या फिर अन्य भाग को घायल करते हैं तो यानी आड़े तिरछे दांत मुंह के कैंसर का कारण बन सकते हैं. ऐसे में इस तरह के दांतों को निकलवा देना ही बेहतर है. इसके अलावा जुबान में दर्द, मुंह से बदबू, तीन सप्ताह से ज्यादा दर्द रहित या दर्द के साथ मुंह का छाला, ये कुछ ऐसे सामान्य लक्षण हैं जो मुख कैंसर का कारण हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में लापरवाही भारी पड़ सकती है. ये बातें किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के जनरल सर्जरी विभाग के 111वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यशाला के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. अभिनव अरुण सोनकर ने कहीं.
डॉ. सोनकर ने कहा कि कैंसर का प्रथम स्टेज का इलाज पूरी तरह से संभव है ऐसे में जरूरी है कि समय का विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि यदि मुंह के भीतर कोई छाला जैसा भी लग रहा है और यह दर्द नहीं करता है तो और ठीक भी नहीं होता है तो बायस्कोपी कराया जाना चाहिए. इस स्थिति में बहुत दिनों तक दवाओं के सहारे रहना भी मुसीबत खड़ा कर सकता है. डॉ. सोनकर के साथ पैनल डिस्कशन में शामिल हुए सर्जिकल अंकोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार ने बताया कि कैंसर के मरीजों की मौत का बड़ा कारण इलाज देर से शुरू होना होता है. अभी भी काफी मरीज मर्ज की तीसरी स्टेज में अस्पताल पहुंचते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों में यह चीज ज्यादा देखी जाती है. 80 फीसदी मरीज देर से ही अस्पताल पहुंचते हैं. शहरी आबादी भी इसमें लापरवाही करती है, पर उसका प्रतिशत सिर्फ 30 फीसदी के ही करीब है.
मुख कैंसर की सबसे बड़ी वजह तंबाकू : जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. पारिजात सूर्यवंशी ने बताया कि भारत में मुख कैंसर के मामले ज्यादा होने की वजह से तंबाकू का सेवन है. शराब पीने और दांत की वजह से मुंह का कोई हिस्सा बार-बार कट जाना भी कैंसर की वजह बन सकता है. मुंह के कैंसर में सर्जरी ही सबसे बेहतर इलाज है. इसलिए समय रहते ही डॉक्टर की सलाह लेकर इसे कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज का युवा तेजी से तंबाकू की ओर बढ़ रहा है. कम उम्र के बच्चे कैंसर की चपेट में आ रहे हैं ये बेहद खतरनाक है. रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि कैंसर की सर्जरी के बाद यह सोच लेना गलत होता है कि दोबारा उनको यह बीमारी नहीं होगी. एक बार कैंसर ठीक होने के बाद दो साल में दोबारा कैंसर हो सकता है. इसलिए इन दो साल में अतिरिक्त सतर्कता बरती जानी चाहिए.
KGMU LUCKNOW : आड़े तिरछे दांतों से भी हो सकता है मुंह का कैंसर, बचाव के लिए करना होगा यह काम - केजीएमयू में दांतों का इलाज
आड़े तिरछे दांत मुंह के कैंसर का कारण बन सकते हैं. कैंसर के प्रथम स्टेज का इलाज पूरी तरह से संभव है. ऐसी ही कई बातें जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU LUCKNOW) के जनरल सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिनव अरुण सोनकर ने कहीं.
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