लखनऊ: कोरोना वायरस से संक्रमित होकर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती हुए उरई मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर की शनिवार शाम को मृत्यु हो गई. डॉक्टर केजीएमयू के ही एलुमनाई रह चुके हैं. उनका बेटा भी केजीएमयू में ही पढ़ाई कर रहा है और उन्होंने भी यहीं पर आखिरी सांसें लीं.
मृतक किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में 1981 बैच के पेशेवर चिकित्सक थे. बेहोशी की दवा देने में इतने एक्सपर्ट थे कि कमजोर से कमजोर फेफड़े वाले मरीजों को भी अगर ऑपरेशन की जरूरत होती थी तो वह जोखिम उठा लेते थे और हर बार सफल होते थे. ऐसे ही एक मरीज को उरई के मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया देने के दौरान डॉक्टर खुद कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गए.
जिंदगी की जंग जीतने के लिए उरई से वह केजीएमयू लाए गए. यहां पर एमबीबीएस फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे उनके बेटे ने भी वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ मिलकर पिता को बचाने की कोशिश की, मगर नियति से हार गए. डॉक्टरों की मानें तो मृतक डॉक्टर की कोरोना वायरस की आखिरी दोनों जांचें निगेटिव आई थी. यानी वह कोरोना वायरस की जंग तो जीत चुके थे, लेकिन किडनी में हुए संक्रमण की वजह से वह जिंदगी की जंग हार गए.