लखनऊ: पुलवामा अटैक में शहीद हुए यूपी के जवानों और उनके परिजनों का मुद्दा शुक्रवार को विधान परिषद में विपक्ष के सदस्यों ने उठाया. समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य डॉ. राज्यपाल कश्यप ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि पुलवामा शहीदों के परिजनों की मदद करने में सरकार नाकाम रही है.
विपक्ष ने सरकार को विधान परिषद में घेरा. विधान परिषद में नियम 59(5) के तहत डॉ. राजपाल कश्यप ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि वह केवल जनता की भावनाओं को बनाकर राजनीति करने में विश्वास करती है. एक साल पहले जम्मू- कश्मीर में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए, उसमें उत्तर प्रदेश के भी 12 जवान शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि हमले में शहीद हुए जवानों के परिवार को भाजपा सरकार ने मदद के बड़े-बड़े वादे किए. सरकार ने शहीदों के घरों तक पक्की सड़क, नाली, बिजली, पानी की उचित व्यवस्था, परिवार को मुआवजा, परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी और पेंशन देने का वादा किया था, लेकिन आज तक यह वादा पूरा नहीं हुआ.
एमएलसी राजपाल कश्यप ने उदाहरण के तौर पर प्रयागराज के महेश कुमार यादव का उल्लेख किया और कहा कि शहीद के परिवार को डेढ़ एकड़ जमीन देने के साथ-साथ उनके माता-पिता को पेंशन सहित भाई को नौकरी का आश्वासन दिया गया था, लेकिन सरकार इस ओर से अब तक उदासीन है. विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने शहीदों के शव को उनके घर तक ले जाने की व्यवस्था शुरू कराई.
सत्ता पक्ष की ओर से नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा चर्चा में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शहीदों के शव को सम्मानपूर्वक उनके घर तक पहुंचाने का प्रबंध किया. शहीद परिवारों के लिए सरकार संवेदनशील है और सभी एलान पूरे किए गए हैं. सत्ता पक्ष के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट दिखा.
ये 12 जवान हुए थे शहीद
1.महेश कुमार, प्रयागराज
2.विजय मौर्य, देवरिया
3.पंकज त्रिपाठी, महाराजगंज
4.अमित कुमार, शामली
5.राम वकील, मैनपुरी
6.अजीत कुमार आजाद, उन्नाव
7.प्रदीप सिंह यादव, कन्नौज
8.प्रदीप कुमार, शामली
9.श्याम बाबू, कानपुर देहात
10.कौशल कुमार रावत, आगरा
11.अवधेश यादव, मुगलसराय
12. रमेश यादव, वाराणसी
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