लखनऊ: मानसिक तनाव के कारण पुलिसकर्मी लगातार आत्महत्या करने को मजबूर हैं. पूर्व पुलिस महानिदेशक महेश चंद्र द्विवेदी ने पुलिस विभाग में बदलाव की बात कही है. मनोचिकित्सक का कहना है कि अत्याधिक काम के दबाव के चलते पुलिसकर्मी ऐसा करने को मजबूर हो रहे हैं. उन्हें तनाव से मुक्त रखने के लिए प्रशासन द्वारा समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए.
पुलिस विभाग में बढ़ती आत्महत्याओं पर जानिए पूर्व डीजीपी और मनोचिकित्सक की राय - तनाव के चलते पुलिसकर्मी कर रहे आत्महत्या
प्रदेश में पुलिसकर्मी मानसिक तनाव बर्दाश्त न कर पाने के कारण आत्महत्या कर मौत को गले लगा रहे हैं. पूर्व पुलिस महानिदेशक महेश चंद्र द्विवेदी ने पुलिस विभाग में बदलाव की बात कही है.
सहारनपुर में MLA द्वारा SSP से अमर्यादित भाषा में बात करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा कि इस मामले पर सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है और न ही किसी राजनीतिक दल इसका विरोध करते हैं. इससे पुलिस वालों के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचती है और आत्महत्या जैसे कदम उठाए जाते हैं.
पुलिसकर्मियों पर कई तरह के कामों का दबाव रहता है, लेकिन विभाग में अनुपात के हिसाब से उनकी संख्या कम है, जिसकी वजह से उनको शारीरिक और मानसिक आराम नहीं मिल पाता है. इसके लिए सरकार और प्रशासन को समय -समय पर कार्यशाला का आयोजन कराना चाहिए. कार्यशाला के जरिए वो खुद को तनाव मुक्त महसूस करेंगे.
-डा. सृष्टि श्रीवास्तव, मनोचिकित्सक