लखनऊः उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग शिक्षा की हालत खराब है. कॉलेज बहुत ज्यादा हैं और प्रवेश लेने वाले लोग बहुत कम. 10 फीसदी चुनिंदा कॉलेजों को छोड़कर अन्य कॉलेजों में छात्र-छात्राएं दाखिला नहीं लेना चाहते. इतना ही नहीं, इस समय फार्मेसी ज्यादा लोकप्रिय है. दुनिया भर में संस्थानों में इस पाठ्यक्रम की अचानक डिमांड बढ़ी है.
इसके बावजूद एकेटीयू (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University) की ओर से प्रदेश के करीब 750 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिले की तस्वीर बेहद दयनीय है. इतनी मांग के बावजूद एकेटीयू की काउंसलिंग से इस पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं हो पा रहा है. करीब चार चरणों की काउंसलिंग के बाद सामने आए नतीजे यही कहानी बयां करते हैं.
एकेटीयू की ओर से करीब 17 पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग चल रही है. प्रदेश भर में सभी पाठ्यक्रमों के लिए कुल 1 लाख 27 हजार 997 सीट हैं. दाखिले के लिए चार चरण की काउंसलिंग हो चुकी है. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE - All India Council for Technical Education) की ओर से 25 नवंबर तक की समय सीमा तय की है. इस दौरान दाखिले की प्रक्रिया पूरी होनी है.
दाखिले की मौजूदा स्थिति हैरान करने वाली है. जारी आंकड़ों के मुताबिक 1.27 लाख में अभी तक सिर्फ 25 हजार 407 सीटों पर प्रवेश हुए हैं. यानी करीब 20 फीसदी सीटों पर ही प्रवेश हुए हैं. AKTU के मीडिया समन्वयक आशीष मिश्र ने बताया कि स्पेशल काउंसलिंग कराई जा रही है. उसमें स्थिति बेहतर होने की काफी उम्मीदें हैं.