लखनऊ:शिक्षण संस्थानों में मार्च माह से कैंपस प्लेसमेंट का दौर शुरू होता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ऐसा नही हो पाया. इस बार कैंपस प्लेसमेंट के लिए कंपनियों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए, लेकिन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने तकनीकी और मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स को रिक्रूट करने के लिए कंपनियों को ऑनलाइन प्लेसमेंट के लिए प्रेरित किया. तीन बड़ी कंपनियों ने 400 विद्यार्थियों का ऑनलाइन इंटरव्यू किया है.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) में 12 मार्च से कैंपस प्लेसमेंट का दौर शुरू हुआ, लेकिन यह अगले 4 दिन में ही कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की भेंट चढ़ गया. लॉकडाउन की घोषणा के बाद, कैंपस प्लेसमेंट की गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गयीं. चार बड़ी कंपनियों ने एकेटीयू के साथ मिलकर केंपस प्लेसमेंट की तैयारी कर रखी थी. पिछले साल 20 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने एकेटीयू के कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा लिया था.
400 विद्यार्थियों का चयन
एकेटीयू ने विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखकर कंपनियों को ऑनलाइन प्लेसमेंट के लिए प्रेरित किया. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक बताते हैं कि इसके लिए ऑनलाइन टेस्ट और इंटरव्यू के मॉड्यूल में भी बदलाव करना पड़ा. उन्होंने बताया कि कंपनियों के साथ ही विद्यार्थियों को भी तैयार किया गया. इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. अब तक तीन बड़ी कंपनियां एचसीएल, बायजूस और जस्ट डायल ने एकेटीयू के साथ मिलकर ऑनलाइन प्लेसमेंट किए हैं, इनमें 400 विद्यार्थियों का चयन हुआ है.
एकेटीयू से जुड़े विद्यार्थियों को प्लेसमेंट दिलाने के लिए यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इंटरफेस सेल का गठन किया गया है. विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों का एक ऑनलाइन डाटा बैंक में तैयार किया गया. इसमें विद्यार्थियों के बायोडाटा सहेज कर रखे गए हैं. देश की 150 से ज्यादा बड़ी कंपनियां, विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल के साथ जुड़ी हैं. इसी आधार पर विद्यार्थियों को जॉब की सूचना दी जाती है और उनके आवेदन करने के बाद प्लेसमेंट प्रक्रिया को पूरा कराया जाता है.
एकेटीयू की ट्रेनिंग व प्लेसमेंट अधिकारी नेहा श्रीवास्तव ने बताया कि प्लेसमेंट प्रक्रिया के दौरान यूनिवर्सिटी यह ध्यान रखती है कि जिन विद्यार्थियों का चयन हो रहा है, उनके साथ कोई धोखाधड़ी न हो.
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