लखनऊ: इस साल स्कूलों में होने वाली गर्मी की छुट्टी भूल ही जाइए. उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि 20 मई से प्रस्तावित ग्रीष्मावकाश में भी ऑनलाइन क्लास का संचालन किया जाएगा. माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में ग्रीष्मावकाश नहीं होगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में भी 20 मई से ऑनलाइन क्लास संचालित की जाएगी. कोरोना संक्रमण की स्थानीय स्थिति के मद्देनजर कुलपति इस संबंध में अवकाश बढ़ाने या ऑनलाइन क्लास स्थगित करने का निर्णय ले सकते हैं.
इस साल भूल जाएं गर्मी की छुट्टी, सिलेबस पूरा करने के लिए होगी पढ़ाई - गर्मी की छुट्टी कैंसिल
उत्तर प्रदेश में 20 मई से प्रस्तावित ग्रीष्मावकाश की जगह स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी. यह जानकारी उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने दी है.
.....तो नहीं होगी बाध्यता
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई विद्यार्थी, उनके परिवार के सदस्य या शिक्षक कोरोना संक्रमित होते हैं तो उन पर ऑनलाइन क्लास की बाध्यता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि 20 मई से ऑनलाइन क्लास शुरू की जाएगी. यदि कोरोना संक्रमण की स्थिति किसी जिले में नियंत्रित नहीं होती है तो वहां पर सक्षम अधिकारी ऑनलाइन क्लास स्थगित करने का निर्णय ले सकते हैं.
20 मई के बाद होगा बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट से लेकर विश्वविद्यालय तक की परीक्षाओं पर अंतिम फैसले के लिए छात्र-छात्राओं को अभी इंतजार करना होगा. प्रदेश सरकार की ओर से 20 मई तक शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया गया है. उसके बाद ही अब सरकार के स्तर पर परीक्षाओं के संबंध में फैसला लिया जाएगा. उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि 20 मई तक कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखा जाएगा. इसके बाद स्थिति नियंत्रण में होने पर विश्वविद्यालयों से बात की जाएगी. यदि परीक्षा कराने की स्थिति नहीं हुई तो यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार प्रमोट करने पर विचार किया जाएगा.
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सिर्फ यूपी बोर्ड के 56 लाख से ज्यादा छात्र हैं परेशान
राजधानी समेत प्रदेश भर के करीब 56 लाख छात्र-छात्राओं की 10वीं और 12वीं की परीक्षा टाल दी गई है. अब यह परीक्षाएं कब होंगी? कैसे कराई जाएंगी? सीबीएसई ओर आईसीएसई ने दसवीं की परीक्षा टाल दी हैं तो क्या यूपी बोर्ड भी इन परीक्षाओं को टालेगा. इन सवालों को लेकर लाखों छात्र इस समय परेशान हैं. छात्रों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद और प्रदेश सरकार को इस पर स्थिति स्पष्ट कर देनी चाहिए. कम से कम उसके हिसाब से आगे की तैयारी की जा सकती है.