उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

One Year Of Lockdown: खाकी को खूब मिली दुआ, यूपी-112 ने ऐसे पहुंचाई मदद

देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए एक साल पहले लॉकडाउन लगाया गया था. देशभर से लॉकडाउन के समय कई मार्मिक दृश्य देखने को मिले. जिन पुलिस वालों के पास लोग जाने में डरते हैं, अचानक लोगों को उनमें भगवान नजर आने लगे. अपराधियों को जेल पहुंचाने वाली पुलिस बीमारों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर घर-घर दवा राशन पहुंचाने के काम में जुट गई. ऐसा ही कुछ काम यूपी-112 की पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में करके दिखाया था.

कॉन्सेप्ट इमेज.
कॉन्सेप्ट इमेज.

By

Published : Mar 25, 2021, 9:52 PM IST

लखनऊ: कोविड-19 महामारी की आग में झोंकने वाले कोरोना वायरस से यूपी भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सूबे ने भी ऐतिहासिक लॉकडाउन देखा. 24 मार्च 2021 को लॉकडाउन के एक साल पूरे हो गये. लॉकडाउन के दौरान खाकी ने खूब वाहवाही लूटी और उन्हें भरपूर दुआएं भी मिलीं. यूपी-112 के एडीजी (अपर पुलिस महानिदेशक) असीम अरुण ने कोरोना काल के दौरान कुछ सुखद अनुभूति और अनुभव ईटीवी भारत से साझा किया.

ईटीवी भारत से बातचीत करते यूपी-112 के एडीजी असीम अरुण.

वैसे तो खाकी के कई रूप आए दिन हमें नजर आते हैं, लेकिन सूबे में यूपी-112 का काम सुखद अनुभूति कराने वाला है. कोरोना काल में हुए लॉकडाउन को एक साल पूरे हो गए हैं. इस एक साल में यूपी-112 पुलिस ने 55 हजार जरूरतमंदों तक दवाई एवं अन्य घरेलू उपयोग की वस्तुएं पहुंचाकर मानवता की मिशाल पेश की.

...ऐसे शुरू हुआ सिलसिला
23/24 मार्च 2020 की आधी रात से सम्पूर्ण लॉकडाउन शुरू होने के करीब सात घंटे पहले शाम पांच बजे यूपी-112 पर मेरठ से एक बुजुर्ग महिला ने कॉल किया. यूपी-112 की संवाद अधिकारी ने बुजुर्ग महिला से कॉल करने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि घर में राशन खत्म हो गया है. खाने के लिए कुछ भी नहीं है. एक बेटा है, लेकिन उसकी भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.

इसे भी पढ़ें:-वाराणसी और कानपुर में लागू हुआ कमिश्नरी सिस्टम

सूचना मिलते ही पीआरवी-3780 पर तैनात कांस्टेबल शिवकुमार और होमगार्ड प्रवीण कुमार मौके पर गए. बुजुर्ग के घर की हालत देखते हुए दोनों पीआरवी कर्मियों ने मानवता का परिचय देते हुए तत्काल आटा, दाल, चीनी, चाय की पत्ती, बिस्कुट सहित कुछ अन्य जरूरत का सामान अपने पास से खरीद कर महिला को दिया. इस कॉल के कुछ घंटे बाद ही यूपी-112 पर कई अन्य जिलों से भी इस तरह की कॉल आने का सिलसिला शुरू हो गया.

...धीरे-धीरे कारवां बढ़ता गया
यूपी-112 के एडीजी (अपर पुलिस महानिदेशक) असीम अरुण ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोगों तक आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने की जिम्मेदारी यूपी-112 को सौंपी. खाना/राशन के साथ-साथ दवाई, गैस सिलेंडर, दूध और बेबी फूड सहित तमाम आवश्यक वस्तुओं के लिए यूपी-112 पर कॉल कर लोगों ने मदद लेना शुरू किया. जरूरतमंद लोगों तक तक खाना/राशन पहुंचाने में प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं ने यूपी-112 का भरपूर सहयोग किया, जिसका परिणाम ये रहा कि दो माह में यूपी-112 ने दो लाख से अधिक जरूरतमंदों तक खाना/राशन और करीब 55 हजार लोगों तक दवाई एवं अन्य घरेलू उपयोग की वस्तुओं को पहुंचा के मानवता की मिशाल पेश की.

जागरूक नागरिकों ने संक्रमण के रोकथाम में की मदद
संक्रमण की रोकथाम में जागरूक नागरिकों ने पुलिस एवं प्रशासन का पूरा सहयोग किया. प्रदेश भर में संदिग्ध संक्रमितों के बारे में 1,54,299 लोगों ने यूपी-112 को जानकारी दी. संक्रमण से बेपरवाह लोगों के एक स्थान पर एकत्र होने, खुले में खेलने आदि की भी सैकड़ों सूचनाएं यूपी-112 को देकर सजग नागरिक होने का परिचय प्रदेश के लोगों ने दिया.

संक्रमण से बचना और मदद पहुंचाना थी गंभीर चुनौती
फ्रंटलाइन वर्कर्स के तौर पर यूपी-112 के पीआरवी कर्मियों के सामने लॉकडाउन एक चुनौती के रूप में था. लोगों को उनके घर तक आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाना, लॉकडाउन का पालन करवाना और इसके साथ-साथ खुद को संक्रमण से बचाए रखना पीआरवी कर्मियों के सामने एक चुनौती भरा लक्ष्य था. इस चुनौती का भी यूपी-112 कर्मियों ने सूझबूझ और हिम्मत के साथ सामना किया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details