लखनऊः विकास प्राधिकरण की लापरवाही के चलते आवंटियों को रजिस्ट्री नहीं की जा रही है. जिससे फंसा हुआ पैसा वापस नहीं आ पा रहा है. लापरवाही का आलम ये है कि करीब 9 हजार से अधिक संपत्तियों की रजिस्ट्री अभी नहीं हो पायी है. ऐसे में करीब 1 हजार करोड़ रुपये आवंटियों के पास फंसे हैं.
रजिस्ट्री न होने से फंसे LDA के एक हजार करोड़ रुपये
लखनऊ विकास प्राधिकरण की लापरवाही के चलते नौ हजार से अधिक संपत्तियों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है. ऐसे में करीब 1 हजार करोड़ रुपये आवंटियों के पास फंसे हैं. अगर ये बड़ी धनराशि एलडीए को मिल जाये तो कई विकास की योजनाएं रफ्तार पकड़ सकती हैं.
अलॉटमेंट के बावजूद रजिस्ट्री नहीं हुई तो पैसे भी फंसे
एलडीए की ओर से जिन लोगों के अलॉटमेंट किये गये हैं. उनमें कुछ न कुछ विवाद की वजह से अबतक उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पायी है. जिसकी वजह से पैसा भी नहीं जमा हो पा रहा है. यही वजह है कि कई अलग-अलग योजनाओं में करीब 9 हजार से अधिक संपत्ति की रजिस्ट्री फंसी हुई है. इनमें करीब 1,643 प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं हुई है, वहीं 4,606 फ्लैटों के आवंटन के बाद भी रजिस्ट्री नहीं हो पायी है.
OTS योजना का लाभ लेकर भी पैसे नहीं हो पा रहे जमा
एलडीए के रिकॉर्ड के मुताबिक 5 साल से अधिक समय से बकाया नहीं जमा करने वालों की संख्या 4,000 से अधिक है. इनमें से 2 हजार से अधिक ने वन टाइम सेटेलमेंट योजना में आवेदन किया है. यानी आधे से अधिक डिफाल्टर अपडेट रजिस्ट्री कराकर एलडीए का बकाया पैसा जमा करने को ही तैयार नहीं हैं. अब लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी कार्ययोजना बनाकर विवादों को निस्तारित करके रजिस्ट्री कराने और पैसा जमा कराने को लेकर तैयारी कर रहे हैं.
आवंटन निरस्त करने की कवायद
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश कहते हैं कि जिन प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं हुई है. उन्हें ओटीएस के चलते मौका दिया गया था. बावजूद इसके अभी भी बकाया जमा करके रजिस्ट्री नहीं कराई गई है. अब हम आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई शुरू करेंगे. इस बारे में सबको दिशा निर्देश देकर पूरी कार्ययोजना तय की जायेगी.