लखनऊ:2012 में निर्भया कांड के खिलाफ देश भर में उठी आवाज के बाद जागी केंद्र सरकार ने निर्भया फंड के तहत देश के हर जिले में एक वन स्टॉप सेंटर खोलने की योजना बनाई, लेकिन ये योजना यूपी आते-आते फेल हो गई. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से ये दावा किया गया है कि प्रदेश के हर जिले में सखी सेंटर खुल चुके हैं, लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल में सखी की सच्चाई कुछ और ही नजर आई.
जनसंख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कई जिलों में वन स्टॉप सेंटर खुले ही नहीं हैं. कहीं बोर्ड तो लगा दिया गया, लेकिन नियुक्ति ही नहीं हुई. कहीं किराये के कमरे में दो कुर्सी-टेबल रखकर वन स्टॉप सेंटर के बोर्ड लगा दिए गए हैं.
शर्म की बात तो यह है कि महिला अपराध के मामलों में यूपी अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है. सरकारी उदासीनता के चलते सरकार की यह महत्वकांक्षी योजना भी विफल होती नजर आ रही है. आंकड़ों के हिसाब से तो यह 2015 से ही कई जिलों में संचालित हो रहा है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
बात करें हमीरपुरजिले की तो वहां वन स्टॉप सेंटर ही नहीं है. इस पर जिला प्रोबेशन अधिकारी का कहना है कि जमीन का चिन्हीकरण हो चुका है और निर्माण की प्रक्रिया शुरू होनी है. वहीं दूसरी ओर बस्ती जिले में 2018-19 में वन स्टॉप सेंटर के लिए बजट मिला था, लेकिन जमीन नहीं मिल सकी.