लखनऊ: कोरोना महामारी के दौरान ऐसे लोगों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है, जो सड़क किनारे रेहड़ी लगाकर अपना गुजारा करते थे. लॉकडाउन के दौरान इनका पूरा धंधा चौपट हो गया. इसको देखते हुए पीएम स्वानिधि योजना के तहत सरकार ने इन लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये लोन देकर मदद की है, लेकिन कुछ लापरवाह अधिकारियों की हीलाहवाली से जरूरतमंदों को समय से मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है.
स्थानीय निकाय निदेशक की तरफ से चेतावनी पत्र जारी किया गया है. दो दिन में करीब एक लाख चयनित स्ट्रीट वेंडर्स को लोन दिलाने की हिदायत दी गई है. सभी अफसरों को चेतावनी दी गई है कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के लोन आवेदनों में बैंकों के स्तर पर कोई लापरवाही बरतने का मामला पाया गया, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इतने स्ट्रीट वेंडर्स ने किया आवेदन
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ लेने के लिए में अब तक 7 लाख 32 हजार स्ट्रीट वेंडर्स ने आवेदन किया है. वहीं बैंकों की तरफ से 3 लाख 88 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण स्वीकृत किए गया है, लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते अब तक सिर्फ 2 लाख 92 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ही लोन वितरित किया जा सका है, जबकि एक लाख वेंडर्स लोन पाने से वंचित हैं. इसको लेकर शासन की तरफ से नाराजगी जाहिर की गई है. 24 नवंबर तक बकाया एक लाख लोगों को स्वीकृति लोन दिलाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. निर्धारित तिथि तक लोन न दिलाने की स्थिति में नगर निकायों के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.