लखनऊ: एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में त्यौहार को भी मनाना है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ त्यौहार मनाने की बाध्यता भी है. बहुत से लोग अब मास्क लगाने में लापरवाही भी बरत रहे हैं. ऐसे में इस बार रावण के पुतले को भी मास्क पहना दिया गया है, जो अपने आप में लोगों के लिए एक संदेश भी है.
कोविड के संक्रमण से सबको बचना होगा चाहे इंसान हो या भगवान. इसलिए राजधानी लखनऊ में जहां हर व्यक्ति मास्क लगाकर घूम रहा है, तो वहीं दशहरे के लिए रावण के पुतले को कारीगरों ने मास्क पहना दिया है. क्योंकि रावण के माध्यम से मास्क लगाने का संदेश भी दिया जा रहा है, जो कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी है. पुराने लखनऊ के बांस मंडी इलाके में दर्जनों की संख्या में रावण के पुतले बनके तैयार हैं, जिनको दशहरे के दिन लोग ले जाकर दहन करेंगे.
एक सिर वाले छोटे रावण की है मांग
कोविड-19 के चलते इस बार रावण के बड़े पुतलों की मांग नहीं है, बल्कि एक सिर वाले छोटे पुतलों की ही ज्यादा मांग है. इसके पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ है कि जब रावण का एक सिर वाला पुतला ज्यादा बिका हो. लोग इस बार सांकेतिक रूप से ही दशहरा मनाने के लिए रावण के पुतले को खरीद रहे हैं. वहीं राजधानी लखनऊ में भी हर बार जहां 100 फिट से भी ज्यादा बड़े रावण का पुतला बनाकर दहन किया जाता था, लेकिन इस बार रावण का आकार बढ़ने की बजाय घट गया है. ज्यादा भीड़-भाड़ से बचने के लिए इस बार रावण दहन का कार्यक्रम चाहे ऐशबाग हो या चौक हर जगह कोविड-19 प्रोटोकॉल के दायरे में ही किया जाएगा.
रावण का पुतला बनाने वाले कारीगर सुनील गुप्ता बताते हैं कि हर बार रावण के बड़े पुतलों की खूब मांग रहती थी, लेकिन इस बार कोरोना के चलते छोटे पुतले ही ज्यादा बिक रहे हैं. वहीं कोरोना वायरस से बचाव के लिए उन्होंने रावण को भी मास्क पहनाया है, क्योंकि मास्क लगाने से ही सबका बचाव है. साथ ही इसे देखकर लोगों के बीच एक संदेश भी जाएगा.