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UP Politics : ओम प्रकाश राजभर को किस राजीतिक दल से है जान का खतरा, ईटीवी भारत से कही यह बात

भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर की राजनीतिक तैयारी मंशा के अनुरूप लग रही है. राजभर अब विपक्षियों, खासकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर दोगुनी ताकत से तीखे प्रहार कर रहे हैं. इस बीच वे अपनी जान को खतरा भी बता रहे हैं. इन्हीं तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने ओपी राजभर से बातचीत की.

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Published : Jul 26, 2023, 11:01 PM IST

ओम प्रकाश राजभर को किस राजीतिक दल से है जान का खतरा. देखें खबर

लखनऊ:एनडीए में शामिल होते ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर लगातार एक्शन मोड में हैं. एक तरह जहां वे विपक्षियों, जिसमें खासकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर दोगुनी ताकत से तीखे प्रहार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने अब एनडीए के मिशन 80 को लेकर भी काम करना शुरू कर दिया है. दिल्ली से लौटते ही राजभर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार मुलाकात की. इसी बीच राजभर की उस मांग को भी सरकार ने मान लिया है, जिसको लेकर बीते कई वर्षों से ओपी राजभर आंदोलन करते आए हैं. योगी सरकार भर जाति को एसटी में शामिल करने को लेकर केंद्र को प्रस्ताव भेजने जा रही है. ऐसे में उन्हीं के सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के खेमे में हलचल मच गई है.

ओम प्रकाश राजभर को जान का खतरा.
सवाल :अखिलेश यादव ने कहा है कि जितने भी सपा नेता दूसरे दल जा रहे हैं वह 2000 की नोट हैं, तो क्या अभी और भी 2000 की नोट बचे हैं या बदले जाने हैं.जवाब : अभी बहुत से 2000 के नोट बदले जाने हैं. बाकी अखिलेश यादव जिन्हें 2000 की नोट का रहे हैं, उन्हें से मालूम होना चाहिए कि जब ये 2000 की नोट उनके पास थी उसी के बदौलत 125 सीटें आई थीं. अब ये जा रहे हैं तो फिर से वापस 40 सीट पर आ गिरेंगे.
ओम प्रकाश राजभर.
अखिलेश यादव ने कही यह बात.


सवाल : एनडीए में शामिल होते ही आपने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात थी, क्या क्या बातें हुईं.

जवाब: दिल्ली जाने से पहले योगी आदिनाथ से मुलाकात की और उन्हीं के कहने पर मैं दिल्ली गया. एनडीए में शामिल होकर फिर वापस आकर उनसे मुलाकात की थी.

ओम प्रकाश राजभर.


सवाल: आप जिन 17 जातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल कराने को लेकर लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. अब वह सीएम से मुलाकात होने के बाद आपकी मांग पूरी होती दिख रही है. मानते हैं आपकी लड़ाई सफल हुई है.

जवाब: आवश्यकता आविष्कार की जननी है जो कदम मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गया है उस कदम का हम स्वागत करते हैं. उन्होंने समाज की पीड़ा को समझा और अब भर जाति को एसटी में शामिल करने को लेकर प्रस्ताव दिल्ली भेजा जा रहा है. हमें खुशी है कि हम जिसकी लड़ाई करते आ रहे थे, वह अब पूरा होगा.


सवाल: आपकी इस सफलता के कारण कुछ ऐसे लोग हैं जो बैचेन हैं. ये वे लोग हैं जो आपके ही सहयोगी हैं. संजय निषाद ने 37 सीटों पर अपने सिंबल पर चुनाव लड़ने तक की बात कह दी है.

जवाब: संजय निषाद बड़े भाई हैं. यह वक्त टिकट मांगने का नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री फिर से बनाने का है. हम लोग बस इतना चाहते हैं कि हम लोगों की पार्टी की उपस्थिति लखनऊ से दिल्ली तक हो जाए. दिल्ली में हम लोगों के नेता रहे हैं, ताकि हमारे समाज की बात रखी जा सके.


सवाल:दिल्ली में आपको जो भरोसा दिया गया है वह जमीनी हकीकत में कब दिखेगा आप मंत्री कब बनेंगे.

जवाब: अब जब हम दिल्ली जाएंगे तो वहां से लौट कर आ कर तारीख बताएंगे और जल्द मंत्री बनेंगे.

सवाल: स्वामी प्रसाद मौर्य से आपकी बातचीत हुई, क्योंकि उनके साथ जितने भी बीजेपी छोड़े थे वह सभी वापस आ गए हैं.

जवाब: स्वामी प्रसाद से हमारी बात नहीं हुई है. हालांकि धीरे धीरे सब वापस आएंगे.

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