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जेल में बंद मुख्तार की ओपी राजभर से मुलाकात, सुभासपा से लड़ सकते हैं चुनाव

मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं, उन पर दर्जनों मुकदमे भी दर्ज हैं. वहीं, मुख्तार अंसारी और उनके बेटों के साथ मंगलवार की शाम ओमप्रकाश राजभर ने मुलाकात की, जिसके बाद प्रदेश में नया सियासी पन्ना लिखा जा रहा है.

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Published : Nov 3, 2021, 1:29 PM IST

सुभासपा से लड़ सकते हैं चुनाव
सुभासपा से लड़ सकते हैं चुनाव

लखनऊ: जेल में मुख्तार अंसारी से ओमप्रकाश राजभर की मुलाकात उत्तर प्रदेश की राजनीति में दीपावली के मौके पर नई गर्मी ला रही है. अब कयास लगाया जा रहा है कि मुख्तार अंसारी की समाजवादी पार्टी के बैनर पर बैक डोर से एंट्री होगी. जहां ओमप्रकाश राजभर की पार्टी से टिकट पाकर मुख्तार अंसारी गाजीपुर की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.

दरअसल, इसके पहले गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा सीट से सपा विधायक सुभाष पासी के भाजपा में आने पर सपा सकते में है. ऐसे में उनको गाजीपुर में मुख्तार अंसारी का साथ चाहिए और दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने यह मौका हड़प लिया है. भाजपा की ओर से बयान जारी करके कहा गया है कि समाजवादी पार्टी की राजनीति बिना माफिया के नहीं चल सकती. इसलिए पिछले दरवाजे से मुख्तार अंसारी की सपा में एंट्री हो रही है.

सुभासपा से लड़ सकते हैं चुनाव

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं, उन पर दर्जनों मुकदमे भी दर्ज हैं. वहीं, मुख्तार अंसारी और उनके बेटों के साथ मंगलवार की शाम ओमप्रकाश राजभर ने मुलाकात की, जिसके बाद प्रदेश में नया सियासी पन्ना लिखा जा रहा है. ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के साथ अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का गठबंधन लगभग तय है. ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्तार अंसारी सीधे समाजवादी पार्टी से न लड़कर ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव समाज पार्टी से चुनाव लड़ेंगे.जिससे भारतीय जनता पार्टी को पूर्वांचल की कई सीटों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. मुख्तार अंसारी जेल में रहते हुए ही नामांकन करेंगे और चुनाव लड़ेंगे ऐसा राजनीतिक विशेषज्ञ कयास लगा रहे हैं.

भाजपा की भौहें हुईं टेढ़ी

वहीं, राजभर और मुख्तार अंसारी की मुलाकात पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि राजभर के बहाने वास्तविकता में अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी को राजनीतिक संरक्षण देने का काम कर रहे हैं. अखिलेश यादव जानते हैं बिना माफियाओं और गुंडों के सहारे उनकी साइकिल का पहिया नहीं घूम सकता. इसीलिए मुख्तार को साथ लाने के लिए ओमप्रकाश राजभर को आगे किया है.

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