लखनऊ : आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का लोक कल्याण संकल्प पत्र 10 जनवरी तक जारी किया जाएगा. इसमें भाजपा करीब 20 से 25 वादों को शामिल करेगी. भाजपा के पिछले लोक कल्याण संकल्प पत्र में शामिल सस्ती बिजली, युवाओं को टैबलेट और लैपटॉप देने जैसे वादे अभी तक पूरे नहीं हो सके हैं. ये अधूरे वादे ही पार्टी के लिए चुनौती बन गए हैं. विपक्षी लगातार इन अधूरे वादों को मुद्दा बनाकर बीजेपी पर हमला कर रहे हैं. ऐसे में ये पुराने अधूरे वादे भाजपा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए घोषणा पत्र समिति का गठन कर दिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र समिति का गठन करते हुए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना को समिति का अध्यक्ष घोषित किया है. राज्यसभा सांसद ब्रज लाल को उपाध्यक्ष व सांसद राजेश वर्मा, प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री अतुल गर्ग, सांसद विजय पाल तोमर, रीता बहुगुणा जोशी, कान्ताकर्दम, श्रीमती सीमा द्विवेदी तथा पुष्कर मिश्रा को सदस्य नामित किया है.
गौरतलब है कि वर्ष 2017 के लोक कल्याण संकल्प पत्र में भाजपा ने परिवर्तन का नारा देते हुए 20 घोषणाओं का समावेश किया था. जिसमें बेरोजगारी, राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना, किसानों की कर्ज माफी, किसान कल्याण, महिला सुरक्षा, भयमुक्त समाज, एंटी भूमाफिया, एंटी रोमियो, बेहतर शिक्षा, सस्ती बिजली और विद्यार्थियों के टैबलेट और लैपटॉप जैसी योजनाओं को शामिल किया गया था.
भाजपा के पास ज्यादातर घोषणाओं के पूरा होने से संबंधित कुछ न कुछ तथ्य हैं. हालांकि सस्ती बिजली, युवाओं को लैपटॉप और टैबलेट देने के वादे पर भाजपा मात खा गई है. भाजपा ने टैबलेट देने की शुरुआत अब की है जबकि बिजली महंगी होती जा रही है. रिहायशी बिजली का दाम सात रुपये यूनिट तक है जो आम आदमी पर भारी पड़ रही है. बात केवल बिजली और टैबलेट की ही नहीं है. भाजपा पर कम रोजगार देने का भी आरोप है. यह बात दीगर है कि पार्टी चार लाख सरकारी नौकरी देने का दावा कर रही है.
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