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Old Pension Restoration issue पर केंद्रीय व राज्य कर्मचारी एकजुट, जिला मुख्यालयों पर करेंगे प्रदर्शन

पुरानी पेंशन के मुद्दे पर केन्द्रीय और राज्य कर्मचारी एकजुट हो गए हैं. कर्मचारी संगठनों ने मंगलवार (21 मार्च) से जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन की चेतावनी जारी की है. पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच के बैनर तले राष्ट्रव्यापी आन्दोलन का निर्णय लिया गया है. लखनऊ में प्रदर्शन का आगाज प्रेरणा स्थल डीएम आवास के सामने किया जाएगा.

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Published : Mar 20, 2023, 5:33 PM IST

लखनऊ : पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को लेकर कमर्चारी संगठनों ने व्यापक रणनीति बनाई है. सरकार से अपनी मांग पूरी कराने के लिए संगठनों के नेताओं ने रूपरेखा बनानी तेज कर दी है. आंदोलन को धार देने के लिए रेलवे, डाक, आयकर, पासपोर्ट, आकाशवाणी, दूरदर्शन के साथ लेकर राज्य कर्मचारी संगठनों में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, कलेक्ट्रेट मिनिस्टीरियल एसोसिएशन, डिप्लोमा इंजीनियिर्स महासंघ, उघान, सिंचाई, परिवहन, कोषागार, निबंधन, लोकनिर्माण विभाग, कृषि, मंडी, प्रदूषण नियंत्रण, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, अल्पबचत, रजिष्टार चिटफंड, श्रम, शिक्षा, राजस्व, ग्राम विकास, ग्राम पंचायत, सफाई कर्मचारी, आईटीआई, बाल विकास पुष्टाहार, खाद्य रसद, सहित सैकड़ोें विभाग के सेवा संगठनों ने आंदोलन का एलान किया है. पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच के बैनर तले राष्ट्रव्यापी आन्दोलन का निर्णय लिया गया है. लखनऊ में यह प्रदर्शन कर्मचारी प्रेरणा स्थल डीएम आवास के सामने किया जाएगा.


राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों ने अब केन्द्रीय कर्मचारी संगठनों को भी अपने साथ लिया है. केन्द्रीय कर्मचारी संगठन रेलवे के आरके पाण्डेय, परिषद से हरिकिशोर तिवारी, शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि 2004 से नव परिभाषित अंशदान पेंशन योजना से पूरे कर्मचारी, शिक्ष्क समाज का भविष्य अंधकारमय हो गया है. कई बार उच्च स्तरीय बैठक पर नई पेंशन योजना का हर स्थिति में विरोध दर्ज कराया गया, लेकिन सरकार ने अब तक ध्यान नहीं दिया है. परिणाम स्वरूप एक राष्टव्यापी मंच का गठन कर पुरानी पेंशन बहाली के लिए एक निर्णायक आन्दोलन की शुरूआत की जा रही है. पोस्टल आर्डर के शत्रुहन यादव ने पुरानी पेंशन के मामले में सरकार का ध्यान आकृषित कराते हुए कहा कि कर्मचारी शिक्षक समाज को हर हाल में पुरानी पेंशन बहाली चाहिए.


परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कर्मचारियों और शिक्षक के फंड का पैसा शेयर बाजार में लगाए जाने का पुरजोर विरोध करते हुए इससे होने वाले नुकसान की जानकारी दी. उन्होंने तर्क से साथ कहा कि पुरानी पेंशन बहाली से सरकार के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. जनवरी 2004 से केन्द्रीय कर्मचारियों तथा अर्प्रैल 2005 से उत्तर प्रदेश ने नई पेंशन योजना को यह कहकर लागू कर दिया था कि प्रस्तावित नई व्यवस्था भी पुरानी पेंशन जैसी होगी. कर्मचारियों को कोई नुकसान नहीं होगा, किन्तु इतने दिनों में यह बॉत सिद्ध नहीं हो पाई. उल्टे सेवानिवृत्त हो रहे कार्मिकों को 2000 से 5000 हजार तक ही पेंशन राशि मिल पा रही है.

बताया गया कि सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश से बाबू लाल, अरुण त्रिपाठी, प्रेमबाबू, शीतलाबक्स सिंह और गजानन्द पांडेय को नई पेंशन के तहत देय शून्य है. रेलव से सेवानिवृत्त आर. रामचन्द्रन और के. भास्कर राव को क्रमशः 2417 रुपये और 2506 रुपये मात्र पेंशन मिल रही है. पुरानी पेंशन व्यवस्था में यह राशि न्यूनतम 15 हजार रुपये होती थी. ऐसे में इस महंगाई में यह राशि कर्मचारी के बुढ़ापे का क्या सहारा बन पाएगी. ऐसी स्थिति में पुरानी पेंशन व्यवस्था ही एक सामाजिक सुरक्षा है. इसे हर हाल में लागू किया जाए. पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच द्वारा पूरे देश से महामहिम राष्ट्रपति को आनलाइन पिटीशन भेजी गई है. 21 फरवरी पुरानी पेंशन के लिए रेलवे कार्यालयों केे समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया जा चुका है. 21 मार्च में देश भर के सभी जनपद मुख्यालयों में प्रदर्शन के साथ मंच द्वारा सितम्बर तक क्रमवार आन्दोलन जारी रखा जाएगा.

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