लखनऊ:मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करने के बावजूद अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे. यूपी की राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब NH24 से रैथा मार्ग रोड पर गहरी खुदाई होने के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं. इन हादसों में कई लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं. क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल के साथ ही उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की जा चुकी है. इसके बावजूद इस रास्ते को सही करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. उन्हें हर जगह से सिर्फ आश्वासन ही मिलता है.
गहरा खेत है हादसे का कारण
बख्शी का तालाब लखनऊ NH-24 से रैथा मार्ग की तरफ से जाने वाले रास्ते में मिट्टी की गहरी खुदाई की गई है. इससे यहां आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं. इन हादसों में लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है. रैथा रोड स्थित नलकूप संख्या 4 से भौली गांव जाने वाले रास्ते के बाएं तरफ बहुत गहरा खेत है. इस खेत से मिट्टी की खुदाई करते समय सड़क की पूरी पट्टी समाप्त कर दी गई है. रात में कई बार वाहन इस गहरे खेत में गिर जाते हैं और लोगों को गंभीर चोटें आ जाती हैं. कई लोगों की मौत भी हो चुकी है .
कई जगह कर चुके शिकायत
इस मामले में ईटीवी से बातचीत के दौरान क्षेत्रीय निवासी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि ये सीतापुर रोड स्थित बख्शी तालाब का भौली रोड है. यह बहुत ज्यादा व्यस्त रोड है. यह एकल सड़क है और इस सड़क के किनारे गड्ढे भी हैं. इसके चलते अक्सर लोग यहां गिर चोटिल हो जाते हैं. कई लोगों के हाथ-पैर भी टूट चुके हैं. कई लोगों की जान भी जा चुकी है. उन्होंने बताया कि इन गड्ढों को बंद करवाने को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की थी. वहां से उन्हें कंप्लेंट नंबर 9201570 0074407 मिला था. साथ ही बताया गया था कि जल्द ही आपकी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा. इसके बाद उन्होंने पीडब्ल्यूडी और एसडीएम बीकेटी से लिखित शिकायत की थी. इकसे बाद भी उनकी समस्या को दूर नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि यह समस्या लगभग 6 महीने से चली आ रही है.
ईंटों से भर रहे गड्ढे
क्षेत्रीय निवासी रमेश ने बताया कि वह नजदीक के ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते हैं. यह सड़क चार नंबर नलकूप से 6 नंबर नलकूप की ओर भोली रोड पर मिलती है. उन्होंने बताया कि यहां पर गड्ढे होने के कारण आए दिन हादसे होते हैं. अधिकारियों से इसकी शिकायत कई बार की गई. लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है. इस समस्या को देखते हुए भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों ने टूटी हुई ईंटों से गड्ढों को भरना शुरू कर दिया है.
गांव मे रहने वाले किसान मुन्नीलाल ने बताया कि राहगीर गाड़ियों से ओवरटेक करते समय अक्सर इन गड्ढों में गिर चुके हैं. इन हादसों में 10 से 15 लोगों के हाथ-पैर टूटे हैं और 2 लोगों की जान जा चुकी है. शिकायत करने के बाद भी अधिकारी इसे सही नहीं करा रहे हैं.