लखनऊ: सूबे की राजधानी में पुलिस महकमे में उल्टी गंगा बह रही हैं. बहे भी क्यों न जब भ्रष्ट इंस्पेक्टर ही कोतवाली की कमान संभाल रहो हो. इंस्पेक्टर कृष्णानगर महेश दूबे का विवादों से पुराना नाता है. इंस्पेक्टर कृष्णानगर दो लाख न देने पर फर्जी मुठभेड़ में हत्या के प्रयास व साक्ष्य मिटाने का आरोपी है. इंस्पेक्टर के खिलाफ आशियाना थाने में मुकदमा दर्ज है. युवती द्वारा वैन चालक की पिटाई के मामले में इंस्पेक्टर ने पहले तो निर्दोष वैन चालक, उसके भाई व मित्र का चालान कर दिया. यही नहीं, दस हजार लेकर पीड़ित की कार छोड़ी. मीडिया में हाय तौबा मचने पर इंस्पेक्टर ने वैन चालक से तहरीर ली और युवती के खिलाफ मुकदमा कायम किया. लेकिन, यहां फिर इंस्पेक्टर ने खेल कर दिया. पीड़ित की तहरीर में बेवजह युवती द्वारा मारपीट, पुलिस की अभद्रता, पुलिस द्वारा दस हजार रुपये घुस लेकर कार छोड़ने का आरोप लगाया गया था. लेकिन, इंस्पेक्टर ने सिर्फ युवती के खिलाफ केस पंजीकृत कर आरोपी पुलिसवालों को बचा रहे हैं.
रसूखदार इंस्पेक्टर महेश दुबे का अफसर मेहरबान
इंस्पेक्टर कृष्णानगर महेश दुबे अपने कारनामों को लेकर विवादों में बना रहता है. अफसर भी उस पर मेहरबान हैं. करीब एक साल पूर्व महेश दुबे ने पचीस हजार के इनामी बदमाश पुलस्त तिवारी को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था. पुलस्त तिवारी ने इंस्पेक्टर महेश दुबे समेत कई पुलिसकर्मियों पर दो लाख रुपये न देने पर मुठभेड़ का आरोप लगाया था. पुलस्त तिवारी का एक पत्र भी मीडिया में वायरल हुआ था. बाद में कोर्ट के आदेश पर इंस्पेक्टर संजय राय, महेश दुबे समेत पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ आशियाना थाने में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था.
आरोप था कि, आरोपी पुलिसकर्मी पिछले साल अगस्त में उनकी तैनाती बतौर दारोगा आशियाना थाने में थी. इनामी बदमाश गाजीपुर निवासी पुलस्त तिवारी को महेश दुबे रात में घर से उठा लाए. थाने लाकर उससे रुपयों की डिमांड की. रुपये न देने पर उसके पैर में गोली मारकर मुठभेड़ में गिरफ्तारी दिखाई. हालांकि, पुलिस केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. सूत्रों की मानें तो हत्या के प्रयास के मुकदमे के चलते ही इंस्पेक्टर संजय राय को तालकटोरा थाने से हटाया गया. यही नहीं, सरेराह युवती से छेड़खानी हुई. युवती ने थाने पर हंगामा किया मगर, उसका मुकदमा नहीं लिखा गया. युवती ने बाकायदा VEDIO वायरल कर इंस्पेक्टर पर आरोपियों से घुस लेने का आरोप लगाया था. जमीन विवाद के मामले में वकील से झगड़ा और फिर AUDIO वायरल हुआ. इन सारे मामलों में शिकायत भी की गई. मगर, इंस्पेक्टर महेश दुबे के रुतबे का आलम यह था कि एक भी मामले में उसके खिलाफ अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की.