लखनऊ:उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अफसर प्रमोशन के बाद भी अपने पहले पद का मोह नहीं छोड़ नहीं पा रहे हैं. जिससे मुख्यालय स्तर पर तमाम काम लटके हुए है. इस तरफ यूपीएसआरटीसी के सीनियर अफसरों का ध्यान ही नहीं जा रहा है. क्षेत्र पर तैनात सेवा पेंबधक इसी का भरपूर फायदा उठा रहे हैं. खास बात यह भी है कि इन सेवा प्रबंधकों के कार्यकाल में बसें भी खूब दुर्घटनाग्रस्त हो रही हैं. बावजूद इसके वे अभी भी अपनी नौकरी सुरक्षित रखने में कामयाब है. अब परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने सभी को मुख्यालय पर ज्वाइन करने की बात कही है.
रोडवेज के तकनीकी अधिकारियों को करीब दो माह पहले ही प्रमोशन कर मुख्यालय में पोस्टिंग दे दी गई. लेकिन अधिकारी पदोन्नति के बाद भी मुख्यालय पर ज्वाइन करने से कतरा रहे हैं. अभी भी वे अपने मूल पद पर ही तैनात हैं. जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में तीन सेवा प्रबंधक डेढ़ से दो माह पहले उप मुख्य यांत्रिक अभियंता (डिप्टी सीएमई) के पद पर प्रमोट किए गए थे. इनमें बरेली परिक्षेत्र में तैनात सेवा प्रबंधक संजीव यादव, सहारनपुर में तैनात सेवा प्रबंधक गौरव पाण्डेय और लखनऊ में तैनात सेवा प्रबंधक श्याम लाल शर्मा शामिल हैं. इन सभी को सप्ताह भर के अंदर मुख्यालय पर जॉइनिंग करने के आदेश दिए गए थे. लेकिन महीनों गुजर गए अब तक वे अपने पहले वाले पद पर ही काम कर रहे हैं. उसी स्थान पर सेवारत हैं. यूपीएसआरटीसी के विषय सूत्र बताते हैं कि मुख्यालय पर ज्वाइन न करने की वजह यही है कि फील्ड पर तैनाती के दौरान कमीशनखोरी का खेल होता है. जबकि मुख्यालय पर तैनाती के बाद कमीशनकोरी खत्म हो जाती है. यही नहीं सेवा प्रबंधक रहते परिवहन निगम की तरफ से सरकारी गाड़ी मिलती है. लेकिन डिप्टी सीएमई को सरकारी गाड़ी अनुमन्य नहीं है. ऐसे में सुविधा छिन जाने और कमीशन का खेल खत्म हो जाने के कारण मुख्यालय पर अधिकारी ज्वाइन करने से कतरा रहे हैं.